जानिए कौन है नरेन्द्र मोदी का 'HERO', जिसने युद्ध और मंदी से देश को बचाकर रखा है

पूरी दुनिया में जहां इस समय मंदी की चपेट में आने के कगार पर है वहीं भारत में दुनिया को उम्मीद की किरण नजर आ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आईएमएफ ने भी बड़ा बयान दिया है।

आज आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस HERO से मिलवाएंगे जो युद्ध और मंदी के इस दौर में भारत को बचाएगा। इस E का मतलब है Economy। जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डांवाडोल है। और बड़े बड़े एक्सपर्ट्स को हर जगह आने वाले वक्त में अंधेरा दिख रहा है। तब दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था International Monetary Fund यानी IMF को अगर कहीं उम्मीद की किरण दिख रही है तो वो उम्मीद की किरण भारत में दिख रही है। मौजूदा हालात में IMF ने भारत को Bright Spot बताया है। सबसे पहले सुनिए IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर ने भारत के बारे में क्या कहा है।

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क्या कहा आईएमएफ की निदेशक नेIMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालीना जिऑर्जिवा कहती हैं, 'भारत इस समय फैले अंधेरे में ब्राइट स्पॉट कहलाने का हकदार है, इस समय मुश्किल दौर में भी भारत की इकॉनमी तेजी से ग्रो कर रही है सबसे खास बात ये है कि इकॉनमी में ये ग्रोथ स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स के साथ हो रही है, भारत में डिजिटाइजेशन सबसे महत्वपूर्ण सफलता है, डिजिटल आधार पर हर तरह की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। जो भारत की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत अब G-20 देशों को लीड करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत की जो ताकत है उस से मुझे विश्वास हो रहा है कि भारत आने वाले कई सालों के लिए दुनिया पर अपनी छाप छोड़ेगा।' पूरी दुनिया में इस वक्त मंदी का खतरा है।

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  • यूरोप के बारे में कहा जा रहा है कि वहां मंदी आ चुकी है
  • अमेरिका के बारे में कहा जा रहा है वहां 6 से 9 महीने में मंदी आएगी
  • भारत के बारे में कहा जा रहा है यहां मंदी आने के 0% चांस हैं
अमेरिका के हालात खराबदुनिया के सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की हालत ये है कि वहां पर महंगाई चरम पर है। अमेरिका में core consumer price index, यानी ccpi जिसमें Food और Energy Inflation शामिल है। वो पिछले साल के मुकाबले 6.6% बढ़ गई है। ये 1982 के बाद से सबसे ज्यादा है। यानी अमेरिका में 40 साल में सबसे ज्यादा महंगाई है। Bank Of America ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सितंबर में अमेरिका में 2.63 लाख लोगों को नौकरियां मिलीं जो 1969 के बाद से सबसे कम है। इसमें कहा गया कि अगले साल जनवरी से जून के बीच अमेरिका में मंदी आ सकती है।

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