भगवान श्रीकृष्ण की मान लेंगें ये 7 बातें, जीवन में कभी नहीं आएगी पैसे की दिक्कत

Shri Krishna Janmashtami 2023: कुरुक्षेत्र के पूरे युद्ध के दौरान, श्रीकृष्ण ने पांडवों को उनके लक्ष्य से भटकने नहीं दिया, जो कि अधर्म पर विजय प्राप्त करना था। इसी तरह आपको अपने लिए वित्तीय लक्ष्य तय करना है और उसके अनुसार निवेश करना है।

Krishna Janmashtami 2023

श्रीकृष्ण से सीखें पर्सनल फाइनेंस के टिप्स

मुख्य बातें
  • श्रीकृष्ण से सीखें पर्सनल फाइनेंस के टिप्स
  • लक्ष्य से न भटकें
  • लालच से रहें बचकर
Krishna Janmashtami 2023: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार जन्माष्टमी (Janmashtami) भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्म का जश्न मनाने वाला त्योहार है। भक्तों का मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण के हर कृत्य से कुछ न कुछ अर्थ, संदेश और महत्व जुड़ा होता है जो हमारे जीवन को समृद्ध बना सकता है। इनमें पर्सनल फाइनेंस से जुड़े संदेश भी शामिल हैं। यदि आप श्रीकृष्ण के जीवन से ऐसे 7 संदेश अपने जीवन में अपना लें, तो पैसों की दिक्कत से हमेशा के लिए सुरक्षित रह सकते हैं।

अपना लक्ष्य तय करें

कुरुक्षेत्र के पूरे युद्ध के दौरान, श्रीकृष्ण ने पांडवों को उनके लक्ष्य से भटकने नहीं दिया, जो कि अधर्म पर विजय प्राप्त करना था। इसी तरह आपको अपने लिए वित्तीय लक्ष्य तय करना है और उसके अनुसार निवेश करना है।

'मक्खन' के अपने बर्तन को पहचानें

भगवान कृष्ण 'मक्खन' चुराने के लिए प्रसिद्ध थे, जो आज तक भारत के कुछ हिस्सों में 'दहीहांडी' मनाने की परंपरा है। हालाँकि, मक्खन चुराने के पीछे एक संदेश छिपा हुआ है। हांडी तक पहुंचने के लिए ऊंचाई पर पहुंचना जरूरी है। इसलिए ऐसा विकल्प चुनें, जो आपको ऊंचाई तक ले जाए, जिससे लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो सके।

लालची मत बनो

भगवद गीता में, श्रीकृष्ण कहते हैं, जैसे आग धुएं से और दर्पण धूल से ढका होता है, वैसे ही ज्ञान इच्छा से ढका होता है। इसलिए ज्ञानी बनें और अपनी भावनाओं, विशेषकर भय और लालच को हावी न होने दें।

भावनाओं पर काबू रखो

कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में, अर्जुन अपने भाइयों, बुजुर्गों, गुरुओं और दोस्तों के खिलाफ लड़ने की भावना से अभिभूत हो गए। तब उन्हें श्रीकृष्ण ने समझाया। अर्जुन की तरह, निवेशक कभी-कभी अपने निवेश को लेकर भावुक हो जाते हैं जो उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोक सकता है।

बेवजह के जोखिम से बचें

युद्ध के दौरान, अर्जुन और कर्ण बराबर के योद्धा थे। हालाँकि, कर्ण के पास भगवान इंद्र का एक दिव्य हथियार था। लेकिन अर्जुन के पास इसका मुकाबला करने के लिए ऐसा कोई हथियार नहीं था। इसलिए, कृष्ण ने अर्जुन को कर्ण से बचाया। फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद से आप भी इस तरह के जोखिम से बच सकते हैं।

अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और उसे रीबैलेंस करें

जीवन के चक्र को समझाते हुए श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, "जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर नए वस्त्र धारण करता है, वैसे ही आत्मा जीर्ण-शीर्ण शरीर को त्यागकर नए शरीर में प्रवेश करती है"। इसी तरह आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और नुकसान वाली जगह से पैसा निकालकर नई जगह लगाना चाहिए।

अपनी फाइनेंशियल जानकारी बढ़ाएँ

आपके पास एक अच्छा सारथी होना चाहिए, जैसे भगवान कृष्ण कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान अर्जुन के लिए थे। आज के समय फाइनेंशियल जानकारी बढ़ाने के लिए कई सारथी मौजूद हैं। आपको इन्हें सारथी से अपना साथी बनाना होगा और जानकारी बढ़ानी होगी।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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