Labour Day : श्रमिकों को इस योजना से मिलते हैं 36000 रु, जानिए आज का दिन क्यों है खास
1 मई को हर साल बहुत सारे देशों में लेबर डे मनाया जाता है। इनमें भारत भी शामिल है। लेबर डे की शुरुआत अमेरिका से मानी जाती है। वहां एक आंदोलन हुआ था।
- 1 मई को मनाया जाता है लेबर डे
- दुनिया भर में मनाया जाता है लेबर डे
- भारत में 1923 में हुई थी शुरुआत
Labour Day : हर साल 1 मई को लेबर डे मनाया जाता है। 1 मई को लेबर क्लास के योगदान को सराहने के लिए लेबर डे मनाया जाता है। बता दें कि लेबर डे की शुरुआत अमेरिका में 19वीं शताब्दी में हुई थी। वहां दिन में आठ घंटे काम, आठ घंटे के मनोरंजन और आठ घंटे के आराम की मांग करते हुए 'एट आवर डे' आंदोलन शुरू किया गया था।
भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई 1923 को मद्रास में मनाया गया था। इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने की थी। लेबर डे मौके पर यहां हम आपको 3 बेस्ट सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे।
जानिए लेबर डे का महत्व
लेबर डे पूरी तरह वर्किंग क्लास को डेडिकेट किया जाता है। अमेरिका में पहला 1882 में मनाया गया था। पर उससे भी पहले लेबर डे की जड़ें टोरंटो (कनाडा) में 1872 के प्रिंटरों की हड़ताल से जुड़ी हैं। वैसे कनाडा में सितंबर के पहले सोमवार को लेबर डे मनाया जाता है।
ये हैं 3 सरकारी योजनाएं
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत बुढ़ापे में फाइनेंशियल सिक्योरिटी वाली योजना है। ये योजना असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए है, जिनमें दुकानदार, ड्राइवर, प्लंबर, दर्जी और मिड-डे मील वर्कर आदि शामिल हैं। इस योजना से तहत हर महीने 3000 रु (सालाना 36000 रु) तक की पेंशन दी जाती है।
अगर कोई 18 वर्षीय हर महीने 55 रु (डेली 2 रु से कम) जमा करे तो उसे 60 साल की आयु पर 3000 रु की पेंशन मिलने लगेगी। मासिक 55 रु उसे 60 साल की आयु तक ही जमा करने होंगे। योगदान चार्ट आप इस लिंक पर पर देख सकते हैं।
ये हैं बाकी 2 योजनाएं
बाकी 2 योजनाओं में ई-श्रम पोर्टल, जिसके जरिए देश भर में असंगठित श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और उन्हें कई तरह के बेनेफिट दिए जाते हैं। दूसरी योजना है आम आदमी बीमा योजना, जिसके जरिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बीमा सुरक्षा दी जाती है।
प्राइवेट सेक्टर का वेतन बिल बढ़ा
ये भी बताते चलें कि प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर के वेतन बिलों के बीच का गैर वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग एक फीसदी तक बढ़ गया। ईटी के एक एनालिसिस के अनुसार नॉमिनल जीडीपी के प्रतिशत के रूप में, 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष में प्राइवेट सेक्टर का वेतन बिल 12.7 फीसदी था, जबकि पब्लिक सेक्टर के लिए यह 11.8 फीसदी रहा।
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