Gig Workers Scheme: गिग वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम जल्द, मिलेगी और पेंशन और हेल्थ सर्विस की सुविधा

Gig Workers Scheme: नई नीति पूरे देश में कानूनी रूप से बाध्यकारी होगी। नीति आयोग ने देश में गिग गतिविधियों और ऑनलाइन मंचों से जुड़े 65 लाख कामगार होने का अनुमान लगाया है। लेकिन इस कैटेगरी में हो रही तीव्र वृद्धि को देखते हुए यह संख्या दो करोड़ से अधिक हो जाने की संभावना है।

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गिग वर्कर्स

Gig Workers Scheme:गिग वर्कर्स के लिए पेंशन और हेल्श इंश्योरेंस जैसी स्कीम जल्द आएगी। इस बात का ऐलान केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने किया है। उन्होंने कहा है कि कार्य-आधारित भुगतान पर काम करने वाले ‘गिग’ कामगारों को पेंशन और स्वास्थ्य सेवा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की नीति प्रक्रियाधीन है। नीति आयोग ने देश में गिग गतिविधियों और ऑनलाइन मंचों से जुड़े 65 लाख कामगार होने का अनुमान लगाया है। लेकिन इस कैटेगरी में हो रही तीव्र वृद्धि को देखते हुए यह संख्या दो करोड़ से अधिक हो जाने की संभावना है। इसे देखते हुए गिग वर्कर्स के लिए श्रम मंत्रालय जल्द से जल्द स्कीम लाने की तैयारी में है।

सरकार की क्या है प्लानिंग

मांडविया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि नीति आयोग ने देश में गिग गतिविधियों और ऑनलाइन मंचों से जुड़े 65 लाख कामगार होने का अनुमान लगाया है। लेकिन इस खंड में हो रही तीव्र वृद्धि को देखते हुए यह संख्या दो करोड़ से अधिक हो जाने की संभावना है।उन्होंने बताया कि सेवा क्षेत्र उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए ऑनलाइन माध्यम की तरफ तेजी से रुख कर रहा है और अपने परिचालन का विस्तार कर रहा है।इसे देखते हुए सरकार गिग और ऑनलाइन मंचों से जुड़े कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता को तैयार करने में लगी है। उन्होंने कहा कि मैं अगले बजट से पहले बहुत कुछ करना चाहता हूं।

सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य होगी

मांडविया ने यह भी आश्वासन दिया कि नई नीति पूरे देश में कानूनी रूप से बाध्यकारी होगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ देने के लिए विशिष्ट पहचान संख्या बनाने जैसे कई सुझाव आए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय सभी सुझावों पर विचार कर रहा है।इससे पहले मांडविया ने गिग और ऑनलाइन मंचों से जुड़े कामगारों के विभिन्न संगठनों एवं समूहों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। इसमें उन्होंने बताया कि फिलहाल मंत्रालय नई नीति के जरिये इन कामगारों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं या बीमा मुहैया कराने पर काम कर रहा है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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