Income Tax: वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स बचाने की आखिरी तारीख 31 मार्च, भूलकर भी न करें ये गलती
Income Tax: वित्त वर्ष 2023-24 में इनकम टैक्स बचाने के लिए निवेश का आखिरी तारीख 31 मार्च है। यहां कुछ सामान्य गलतियां बताई गई हैं जिनसे बचना चाहिए।
टैक्स बचाने के लिए इन बातों पर रखें ध्यान
Income Tax: इनकम टैक्स बचाने का समय खत्म हो रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 का आखिरी दिन 31 मार्च है। जिन्होंने अभी तक अपनी टैक्स प्लान पूरी नहीं की है। उनके लिए यहां प्रोडक्ट पेश किए जा रहे हैं। विक्रेता को बहुत उदार कमीशन प्रदान करते हैं। अगर आप उन भटकने वालों में से हैं, जिन्होंने अपनी टैक्स प्लानिंग आखिरी मिनट के लिए छोड़ दी है तो यहां कुछ सामान्य गलतियां बताई गई हैं जिनसे बचना चाहिए।
लिमिट से कम निवेश करना
पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत कोई व्यक्ति सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए की कटौती और सेक्शन 80सीसीडी(1बी) के तहत एनपीएस योगदान के लिए 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकता है। स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के साथ-साथ होम और एजुकेशन लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर भी कटौती होती है। हालांकि, सभी करदाता उन्हें उपलब्ध संपूर्ण कटौती का दावा नहीं करते हैं। इसलिए इन सभी इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे टैक्स बचेगा।
आवश्यकता से अधिक निवेश करना
कई टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के लिए अपनी क्षमता से अधिक निवेश करते हैं। दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस कटौती के लिए पात्र है। अग आप स्व-कब्जे वाले घर का होम लोन चुका रहे हैं, तो ब्याज धारा 24 के तहत कटौती योग्य है, लेकिन ईएमआई का मूल भाग सेक्शन 80सी के तहत कटौती योग्य है। एनएससी के ब्याज पर अर्जित ब्याज पर भी कटौती का दावा किया जा सकता है। एक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए की कटौती सीमा को पार कर चुके हैं। जरूरत से ज्यादा निवेश करने से वास्तव में नुकसान नहीं होता है यह आपकी पूंजी को 3-5 वर्षों के लिए निवेश में लॉक कर देता है।
बेतरतीब ढंग से निवेश करना
टैक्स प्लानिंग फाइनेंशियल प्लानिंग का दूसरा नाम है। किसी व्यक्ति का टैक्स-बचत निवेश उसकी समग्र वित्तीय योजना का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि यह तभी संभव है जब कोई किसी वित्तीय प्रोडक्ट में निवेश करने से पहले उसकी उपयोगिता का सावधानीपूर्वक आकलन करे। सेक्शन 80सी और अन्य कटौतियां किसी व्यक्ति की वित्तीय योजना में कमियों को भरने के लिए पर्याप्त गुंजाइश देती हैं। अगर आपके निवेश पोर्टफोलियो को इक्विटी एक्सपोजर की जरुरत है तो ईएलएसएस फंड में निवेश करें। अगर आपको जीवन कवर की जरुरत है तो बीमा पॉलिसी खरीदें। सोच समझ कर सही निवेश करें। आपका टैक्स-बचत निवेश आपके लॉन्ग टर्म निवेश उद्देश्यों के अनुरूप होना चाहिए।
जोखिम भरी एस्सेट्स में एक बार में बड़ी राशि लगाना
शेयर बाजारों में उछाल ने पिछले कुछ वर्षों में ELSS फंड्स को निवेशकों के लिए शानदार रिटर्न देने में मदद की है। इस कैटेकरी ने पिछले वर्ष में 37.4% रिटर्न और पिछले तीन वर्षों में 18.1% वार्षिक रिटर्न अर्जित किया है। हालांकि, ईएलएसएस इक्विटी फंड हैं और अत्यधिक गर्म बाजार में एक बार में बड़ी राशि का निवेश करने की अनुशंसा नहीं की जाती है। क्योंकि इसमें जोखिम है।
टैक्स को ध्यान में नहीं रखना
जो निवेशक टैक्स बचाना चाहते हैं वे अक्सर टैक्स-बचत निवेश से होने वाली आय पर टैक्स को लेकर विचार नहीं करते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट और एनएससी से होने वाली आय पूरी तरह से टैक्स योग्य है, इसलिए टैक्स के बाद रिटर्न बहुत कम है। ईएलएसएस फंड से 1 लाख रुपए तक का लाभ टैक्स फ्री है। 1 लाख रुपए से अधिक पर 10 फीसदी टैक्स लगता है। हालांकि जैसा कि पहले बताया गया है। एक बार में बड़ी रकम लगाना ईएलएसएस में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं है। टैक्सपेयर पेंशन योजना के डेट फंड में बड़ी रकम भी निवेश कर सकते हैं और टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। बाद में वे धीरे-धीरे इक्विटी फंड में शिफ्ट हो सकते हैं।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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