इंसान की तो छोड़िए, Robots की भी नौकरी खतरे में, Google ने 100 रोबोट्स को नौकरी से निकाला
Google की पेरेंट कंपनी Alphabet ने इंसान की तो छोड़िए 100 रोबोट्स को नौकरी से निकाल दिया। रोबोट्स को इंसानों की नौकरी के लिए बड़ा खतरा बताया जाता रहा है। अब उनकी खुद की नौकरी ही खतरे में पड़ गई है। लेकिन इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति कहा है कि इंसानी की जगह कोई नहीं ले सकता है।
भारत में सैलरी इंक्रीमेंट भी दुनिया के मुकाबले अच्छा रहेगा और नौकरी भी दुनिया के मुकाबले सेफ है, लेकिन अब आपको उन रोबोट्स के बारे में बताउंगा, जिनके बारे में कहा जा रहा था वो इंसानों की नौकरी ले लेंगे, लेकिन खुद इन रोबोट्स की नौकरी कैसे जा रही है। गूगल की पेरेंट कंपनी है Alphabet, जिस ने एक बार फिर से छंटनी की है। दिलचस्प बात ये है कि इस बार छंटनी का शिकार इंसान नहीं, बल्कि रोबोट्स बने हैं।
Google ने Robots को नौकरी से निकाला
गूगल ने 100 रोबोट्स को नौकरी से निकाल दिया है। इन रोबोट्स का इस्तेमाल में कैफेटेरिया की साफ-सफाई और दूसरे कामों के लिए किया जाता था। तस्वीरों में आप देख सकते हैं रोबोट्स किस तरह टेबल की सफाई कर रहे हैं। अब एक तस्वीर और देखिए ये रोबोट्स किस तरह दरवाजा खोल रहा है। और इतना ही नहीं कोरोना महामारी के दौरान के दौरान इन रोबोट्स का इस्तेमाल कॉन्फ्रेंस रूम साफ करने में भी किया जाता था।
- ये रोबोट्स अल्फाबेट कंपनी के Everyday Robot's प्रोजेक्ट में तैनात थे।
- Everyday Robot's गूगल की experimental X laboratories की एक यूनिट है।
- इस यूनिट ने दफ्तर में छोटे-मोटे कामों के लिए एक हाथ वाले 100 रोबोट्स को ट्रेन किया था।
- पहियों से चलने वाले ये रोबोट्स कंपनी के कैफेटेरिया की सफाई में मदद करते थे।
- लेकिन गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने पिछले दिनों इस यूनिट को बंद कर दिया।
- जिसके लिए कंपनी के बजट में कटौती और रोबोट्स के मेंटेनेंस में आ रहे भारीभरकम खर्च का वजह बताया गया।
- मतलब जिन रोबोट्स को इंसानों की नौकरी के लिए बढ़ा खतरा बताया जा रहा है, अब उनकी खुद की नौकरी ही खतरे में पड़ गई है।
Chat GPT ऐसे कर रहा है लोगों की मदद
लेकिन इसका मतलब ये है कि रोबोट्स का काम बंद हो जाएगा। पूरी दुनिया आजकल रोबोट्स और AI यानी Artificial Intelligence पर बहुत काम कर रही है। कुछ दिन पहले हमने Chat GPT के बारे में बताया था, ये एक Chat bot है जो किसी भी सवाल का जबाव चुटकियों में दे देता है। Chat GPT का एक और कारनामा बताता हूं। इस Chat GPT ने कनाडा की एक डिजाइन फर्म के लिए वकील का काम करते हुए उसके 90 लाख रुपए से ज्यादा की फंसी हुई रकम दिलवाई है। दरअसल 2022 में इस फर्म ने एक क्लाइंट को कुछ डिजाइन तैयार करके दिए थे, लेकिन कई बार ई-मेल्स भेजने के बावजूद उस क्लाइंट ने पेमेंट नहीं की। जिसके बाद लोगों ने कंपनी को क्लाइंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी, लेकिन कंपनी ने वकील के पास जाने के बजाए Chat GPT की मदद ली। कंपनी के CEO ने Chat GPT ने क्लाइंट को भेजने के लिए ई-मेल तैयार करने के लिए कहा। इस पर Chat GPT ने कुछ इस तरह से ई-मेल तैयार किया।
हमें आपको ये बताते हुए खेद हो रहा है कि आपके बकाया खाते के संबंध में आपसे संपर्क करने के कई प्रयासों के बावजूद, हमें आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इसक आगे Chat GPT ने लिखा। एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हमने हमेशा अपने ग्राहकों को benefit of the doubt दिया है और भुगतान करने के पर्याप्त अवसर प्रदान किए हैं। आपकी ओर से रिस्पांस न मिलने के कारण हम गंभीर कार्रवाई करने के लिए मजबूर हैं।
आखिर में Chat GPT क्लाइंट को धमकाते हुए लिखा कि हम आपको याद दिलाते हैं कि बकाया राशि का भुगतान करने में नाकाम रहने पर कानूनी कार्रवाई और आपकी क्रेडिट रेटिंग को नुकसान समेत कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हम आपसे निवेदन करते हैं कि ऐसे किसी भी परिणाम से बचने के लिए तुरंत कार्रवाई करें और अगले 3 कार्य दिवसों के भीतर बकाया राशि का भुगतान करें। और इसका असर ये हुआ कि ई-मेल भेजने 2 मिनट बाद ही क्लाइंट की ओर से जल्द ही पेमेंट किए जाने की जानकारी दे दी गई।
Artificial Intelligence पर नारायण मूर्ति की राय
रोबोट्स हों या ऐसे चैट बॉट हों, अक्सर ये कहा जाता है कि इनकी वजह से नौकरियां खतरे में आ जाएंगी, वैसे ही जैसे एक वक्त में कंप्यूटर के आने पर कहा जा रहा था कि अब तो सारी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने भी एक कार्यक्रम के दौरान AI पर अपनी राय रखी है। उनका मानना है कि Artificial Intelligence कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकती है। Chat GPT पर पूछे गए सवाल से जवाब में नारायण मूर्ति ने क्या कहा आपको सुनाता हूं। नारायण मूर्ति की बड़ी बात की है कि इंसान की दिमाग की जगह कोई नहीं ले सकता। इंसान ही सबको अपने इशारे पर चलाता रहा है और चलाता रहेगा। जहां तक रोबोट्स, चैट बॉट और AI तकनीक की बात है, तो ये अब दुनिया का फ्यूचर है। और इसी फ्यूचर को देखकर सबको तैयारी करनी होगी। Oxford की एक रिसर्च बताती है कि अगले 10 साल के अंदर यानी 2033 तक रोबोट्स का इस्तेमाल किस तरह बढ़ जाएगा।
- घरों में 39% काम रोबोट्स करने लगेंगे।
- रोबोट्स की मदद से grocery shopping के दौरान 60% समय की बचत होने लगेगी। यानी अभी घर का सामान खरीदने में अगर आपको 2 घंटे लगते हैं, तो रोबोट्स की मदद से ये समय घटकर एक घंटे से भी कम हो जाएगा।
- इसके अलावा रोबोट्स बच्चों को संभालने, बुजुर्गों की देखरेख करने का भी काम संभालने लगेंगे।
टीचर की जगह लेने को तैयार हो चुके हैं रोबोट
अब कर्नाटक के एक स्कूल की तस्वीर देखिए। जहां रोबोट, टीचर की जगह लेने को तैयार हो चुके हैं। ये humanoid रोबोट छात्रों को पढ़ा रहा है। ये रोबोट Class 4 के छात्रों को पढ़ा सकता है। ये सिर भी हिलाता है और सही जवाब मिलने पर तारीफ भी करता है। इस रोबोट ने छात्राओं की तरह स्कूल यूनिफॉर्म भी पहनी है, और उसके गले में ID card भी है। हालांकि अभी इस रोबोट का मॉडल तैयार किया गया है। जल्द ही इसे कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में तैनात किए जाने की योजना है।
मंदिरों में रोबोट्स
देश में कुछ जगहों पर तो मंदिरों में रोबोट्स लगाए जा रहे हैं। ये तस्वीरें केरल के एक मंदिर की हैं। जहां पूजा के जिंदा हाथी की जगह रोबोटिक हाथी को रखा गया है। ये रोबोटिक हाथी, जिंदा हाथी की तरह कान भी हिलाता है, पूंछ भी हिलाता है। और अपनी सूंड से पानी भी निकालता है। यानी मंदिर में पूजा के दौरान एक जिंदा हाथी जो काम कर सकता है, वही ये रोबोटिक हाथी भी कर सकेगा।
रोबोटिक हाथी की खासियत
- इस हाथी का की ऊंचाई 11 फीट और वजन 800 किलोग्राम है।
- इस रोबोटिक हाथी को तैयार करने में 5 लाख रुपये की लागत आई है।
- इस पर 4 लोग बैठ सकते हैं।
- एक जिंदा हाथी की तरह इस रोबोटिक हाथी के पास सभी अंग हैं, जो इलेक्ट्रिक मोटर से चलते हैं।
- इसे केरल के त्रिशूर जिले के इरिंजादापल्ली श्री कृष्ण मंदिर में रखा गया है।
दरअसल केरल के मंदिरों में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में हाथी का बहुत महत्व होता है। हालांकि कई बार अनुष्ठान के दौरान या इससे पहले ये हाथी उग्र हो जाते हैं। पिछले 15 सालों में 526 लोग कैप्टिव हाथियों के हमले की वजह से जान गंवा चुके हैं। इसी वजह से इस मंदिर ने किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के लिए जिंदा हाथी का इस्तेमाल नहीं करने की कसम खाई थी। इसके बाद PETA और साउथ की अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस पार्वती थिरुवोथु के सपोर्ट से मंदिर को ये रोबोटिक हाथी दान किया गया।
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