Front Running Trading: क्या है फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग जिससे LIC के कर्मचारी ने पहले कमाए 2.4 करोड़, फिर गंवाई नौकरी

Front-Running Trading Case: योगेश ने जनवरी से मार्च 2022 तक अपने दिवंगत पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों के डीमैट खातों के जरिए भी ट्रेडिंग की। पिछले साल इस घटना के खुलासे के बाद सेबी ने मामले में शामिल एलआईसी के कर्मचारी पर प्रतिबंध लगा दिया था।

एलआईसी में सामने आया फ्रंट-रनिंग ट्रेडिंग मामला

मुख्य बातें
  • LIC का कर्मचारी पर फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग का आरोप
  • फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग से कमाए 2.4 करोड़ रु
  • एलआईसी ने नौकरी से निकाला

Front-Running Trading Case: देश की सबसे बड़ी और सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अपने एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है, जिस पर पिछले साल एक घटना सामने आने के बाद मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने बैन लगा दिया था। एलआईसी ने आरोपी कर्मचारी (योगेश गर्ग) को फ्रंट रनिंग में शामिल होने के नतीजे में निकाला है। फ्रंट-रनिंग का मामला तब बनता है जब कोई ब्रोकर या निवेशक किसी ऐसे ट्रेड में शामिल हो जो गोपनीय हो और उसके ट्रेड करने से उस एसेट (शेयर आदि) की कीमत प्रभावित हो, जिसके लिए ट्रेडिंग हो रही है। योगेश पर आरोप है वे अपने दिवंगत पिता के डीमैट खाते से फ्रंट-रनिंग ट्रेडिंग कर रहा था। इस बात का खुलासा होने पर एलआईसी ने योगेश को सर्विसेज से हटा दिया।

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परिवार के अन्य सदस्यों के खाते से भी की ट्रेडिंग

योगेश ने जनवरी से मार्च 2022 तक अपने दिवंगत पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों के डीमैट खातों के जरिए भी ट्रेडिंग की। पिछले साल इस घटना के खुलासे के बाद सेबी ने मामले में शामिल एलआईसी के कर्मचारी पर प्रतिबंध लगा दिया था। बुधवार को, एलआईशी ने इस कर्मचारी को बर्खास्त करने की घोषणा की।

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