LIC Share: LIC ने एक साल में दिया 79 फीसदी रिटर्न, जानें कहां पैसा लगाकर कंपनी को मिल रही ग्रोथ
LIC Share: बीमा कंपनियां दो तरीकों से पैसा कमाती हैं। पॉलिसियों के लिए प्रीमियम और फिर उस प्रीमियम को परिसंपत्तियों में निवेश कर वे कमाई करती हैं। यह दूसरा तरीका ही उनके मुनाफे में बड़ा अंतर पैदा करता है। और एलआईसी को ढांचागत क्षेत्र में निवेश का फायदा मिला है।
एलआईसी रिटर्न
LIC Share:सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) ने एचडीएफसी लाइफ (HDFC LIFE) और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (ICICI Prudential) जैसी निजी बीमा कंपनियों को शेयर बाजार में प्रदर्शन के मामले में पीछे छोड़ दिया है। इसके पीछे ढांचागत क्षेत्र जैसे बढ़ते क्षेत्रों पर लगाए गए दांव की अहम भूमिका रही है।भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर बीते एक साल में करीब 79 प्रतिशत तक उछल चुका है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 18 जुलाई को एलआईसी का शेयर 620 रुपये पर था लेकिन इस साल 16 जुलाई को यह 1,109.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
HDFC Life और ICICI Prudential
इसकी तुलना में एचडीएफसी लाइफ के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। एक साल पहले एचडीएफसी लाइफ का शेयर बीएसई पर 666.55 रुपये पर था लेकिन मंगलवार को यह 646.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ।हालांकि, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का शेयर इस दौरान 12 प्रतिशत का रिटर्न देने में सफल रहा है। इसका शेयर 16 जुलाई को 654.10 पर था जबकि 18 जुलाई, 2023 को इसका भाव 582 रुपये था।बीते एक साल में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का शेयर भी 1,314 रुपये से बढ़कर 1,621.20 रुपये पर पहुंच गया। इस तरह इसने 23 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है।
कहां से कमाई
बीमा कंपनियां दो तरीकों से पैसा कमाती हैं। पॉलिसियों के लिए प्रीमियम और फिर उस प्रीमियम को परिसंपत्तियों में निवेश कर वे कमाई करती हैं। यह दूसरा तरीका ही उनके मुनाफे में बड़ा अंतर पैदा करता है, जिससे मूल्य सृजन और जोखिम प्रबंधन पर असर पड़ता है।
हालांकि, पूंजी बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अधिकांश भारतीय बीमा कंपनियों ने अभी तक देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में ग्रोथ का उतना लाभ नहीं उठाया है।
बीमा कंपनियां कहां ज्यादा करती हैं निवेश
घरेलू बीमा कंपनियों ने बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और उपभोक्ता क्षेत्रों में निवेश पर अधिक ध्यान दिया है। लेकिन हाल के दिनों में इन सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। उनके निवेश का सिर्फ आठ से 10 प्रतिशत ही बुनियादी ढांचा क्षेत्र में है जो वैश्विक मानकों की तुलना में बहुत कम है।
विश्लेषकों के मुताबिक, बड़ी वैश्विक बीमा कंपनियों- मसलन, आलियांज, निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस और मेटलाइफ के अलावा बर्कशायर हैथवे जैसी अन्य बीमा कंपनियों का बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 15 से 30 प्रतिशत तक का बड़ा जोखिम है।भारत के लिए बड़े खर्च, समर्थन पहल और प्रोत्साहन नीतियों और शासन में सुधार के साथ इस क्षेत्र पर सरकार के विशेष ध्यान ने बुनियादी ढांचा उद्योग में नई जान डालने का काम किया है।
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