LIC Market Cap: एलआईसी शेयर ने दिया 2.22 लाख करोड़ का झटका, एक साल में 37 फीसदी गिरे शेयर
LIC Share Price And Market Cap: पिछले एक साल में भले ही एलआईसी के शेयर प्राइस अपने आईपीओ इश्यू शेयर प्राइस 949 रुपये नीचे पर है। इसके बावजूद एक बड़े वर्ग का यह मानना है कि एलआईसी का शेयर बाउंसबैक करेगा। मई में कंपनी के शेयर किसी भी महीने में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान कंपनी के शेयर की कीमत में 8.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
एलआईसी के आईपीओ सरकार ने जुटाए थे 22 हजार करोड़
LIC Share Price And Market Cap: भारतीय जीवन बीमा निगम ने मई 2023 में अपनी लिस्टिंग का एक साल पूरा कर लिया है। एक साल पहले जब एलआईसी का IPO आया था, तो पूरे बाजार में उसे लेकर बेहद उत्साह था। और यही वजह थी को लोगों ने इस पर जमकर दांव लगया। लेकिन अपने लिस्टिंग के एक साल में कंपनी के शेयर ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया और निवेशकों की मार्केट वैल्यू 2.22 लाख करोड़ रुपये से अधिक का गिर गई। LIC का मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपये से घटकर 3.78 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। LIC भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ था। केंद्र सरकार ने करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए, कंपनी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। और इसके लिए 949 रुपये प्रति शेयर पर बेचा गया था। आज यह शेयर अपने इश्यू प्राइस से करीब 37 फीसदी नीचे है। शुक्रवार (2जून) को कंपनी के शेयर 597.50 रुपये पर बंद हुए ।
क्या SBI जैसा करेगा बैक
पिछले एक साल में भले ही एलआईसी के शेयर प्राइस अपने आईपीओ इश्यू शेयर प्राइस 949 रुपये नीचे पर है। इसके बावजूद एक बड़े वर्ग का यह मानना है कि एलआईसी का शेयर बाउंसबैक करेगा। मई में कंपनी के शेयर किसी भी महीने में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान कंपनी के शेयर की कीमत में 8.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा लोग एलआईसी से एसबीआई जैसा कमाल करने की उम्मीद लगाए हुए हैं। एसबीआई के शेयर भी लंबे समय तक निवेशकों के उम्मीदों के अनुरुप परफॉर्म नहीं कर रहे थे। लेकिन पिछले 2 साल से यह सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाला बैंकिंग स्टॉक है।
घट रही है बाजार में हिस्सेदारी
साल 2000 में इंश्योरेंस सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला गया। उसके बाद से निजी क्षेत्र की तरफ से एलआईसी को टक्कर मिल रही है। पहले साल के लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के आधार पर देखा जाय तो साल 2004-5 में एलआईसी की बाजार में हिस्सेदारी 78.78 फीसदी थी। जो कि साल 2002-23 में घटकर 62.58 फीसदी रह गई है। जाहिर है कि एलआईसी को प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। कंपनी को मार्च 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार कंपनी का नेट प्रॉफिट 13428 करोड़ रुपये हुआ है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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