अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से LIC को टेंशन नहीं, बढ़ाई 4 कंपनियों में हिस्सेदारी

मार्च तिमाही में एलआईसी ने अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इन कंपनियों में अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन और अडानी टोटल गैस के अलावा अडानी एंटरप्राइजेज शामिल है। हालांकि इसने अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी घटाई है।

LIC increased stake in 4 Adani companies

अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों में एलआईसी ने बढ़ाई हिस्सेदारी

मुख्य बातें
  • एलआईसी ने बढ़ाई अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों में हिस्सेदारी
  • अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन में एलआईसी की होल्डिंग बढ़ी
  • अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स में एलआईसी ने कम की हिस्सेदारी

LIC stake in Adani Companies : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को नजरअंदाज करते हुए देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अरबपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप की मेन कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी बढ़ाई है। एलआईसी ने मार्च तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा अडानी समूह की तीन और कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।

इन कंपनियों में बढ़ाई हिस्सेदारी

एलआईसी ने अडानी ग्रुप की जिन अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई है, उनमें अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन और अडानी टोटल गैस शामिल हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एलआईसी ने अडानी ग्रुप की दो कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम भी की है। इनमें अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स शामिल हैं। अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 4.23 फीसदी से बढ़कर मार्च के अंत में 4.26 फीसदी हो गई। इस दौरान एलआईसी ने इसके 3,57,500 अतिरिक्त शेयर खरीदे।

बाकी कंपनियों में कहां पहुंची हिस्सेदारी

अडानी पोर्ट्स में एलआईसी की हिस्सेदारी 9.14 फीसदी से घट कर 9.12 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी से बढ़ कर 3.68 फीसदी, अडानी ग्रीन में 1.28 फीसदी से बढ़ कर 1.35 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी से बढ़ कर 6.02 फीसदी और अंबुजा सीमेंट्स में 6.33 फीसदी से घट कर 6.29 फीसदी रह गई है। एसीसी में इसकी हिस्सेदारी 6.41 फीसदी ही बरकरार रही। एलआईसी ने अपनी कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का 1 फीसदी से भी कम अडानी ग्रुप में निवेश किया हुआ है। इस बीच, अडानी एंटरप्राइजेज में 2 लाख रुपये से कम के निवेश वाले छोटे रिटेल निवेशकों की संख्या लगभग 3 गुना बढ़कर 7.29 लाख हो गई। वहीं तीसरी तिमाही में 1.86 फीसदी की तुलना में रिटेलर्स के पास अब कंपनी की 3.41 फीसदी हिस्सेदारी है।

अमेरिकी कंपनी से डील

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी एंटरप्राइजेज को अपना एफपीओ रद्द करना पड़ा था। फिर अपने कर्ज को कम करने और दूसरे दायित्वों को पूरा करने के लिए पैसा जुटाने के लिए अडानी समूह ने अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स के साथ 15,000 करोड़ रुपये की एक डील की। अडानी एंटरप्राइजेज उन चार कंपनियों में से एक है, जिसमें प्रमोटरों ने अपनी हिस्सेदारी घटाई थी। जीक्यूजी के साथ अडानी एंटरप्राइजेज की डील 5,460 करोड़ रुपये की थी। इसने 1,410.86 रुपये प्रति के भाव पर इसके खरीदे।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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