Loan Fraud Case: कोचर दंपति को बेल, कोर्ट ने कहा- कानूनी प्रावधानों के हिसाब से न हुई थी गिरफ्तारी

ICICI Bank Loan Fraud Case: दरअसल, देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी कि सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई 2022 लोन फ्रॉड केस में कोचर दंपति को 23 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था।

Chanda Kochhar Husband

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर। (फाइल)

तस्वीर साभार : भाषा

ICICI Bank Loan Fraud Case: ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक अधिकारी चंदा कोचर को राहत मिली है। सोमवार (नौ जनवरी, 2023) को बंबई हाईकोर्ट ने कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बेल दे दी। कोर्ट ने पाया कि दोनों लोगों की गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं की गई थी।

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पी. के. चव्हाण की एक खंडपीठ ने कोचर दंपति को एक-एक लाख रुपए की जमानत राशि और इतनी ही राशि के एक या अधिक जमानतदार पेश करने को निर्देश दिया। बेंच ने यह भी कहा कि दोनों को जांच में सहयोग करना चाहिए और जब भी तलब किया जाए, दोनों सीबीआई कार्यालय में पेश हों।

कोर्ट के मुताबिक, ‘‘हमारा मानना है कि याचिकाकर्ताओं (कोचर दंपति) की गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के तहत नहीं की गई और इसलिए वे रिहाई के हकदार हैं।’’

अदालत ने कोचर दंपति को अपने पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा कराने का निर्देश भी दिया। यह आदेश चंदा कोचर और उनके पति द्वारा, बैंक ऋण मामले में सीबीआई की ओर से उन्हें गिरफ्तार किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया। दोनों ने अपनी याचिकाओं में कहा था कि सीबीआई की गिरफ्तारी मनमानी व अवैध है।

सीबीआई ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है। एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।

प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited