भारतीय अमीरों की बढ़ी परेशानी,विदेश में जमा पैसे को लेकर खड़ी हो गई मुश्किल

LRS Scheme and New Confusion among rich Indians: भारतीय अमीर विदेश में शेयर बाजार, करंसी, प्रॉपर्टी आदि में निवेश करते हैं। अब इसमें पेंच यह है कि LRS के तहत बैंक में केवल 180 दिन ही पैसा रखा जा सकता है। उसके बाद खाताधारक को पैसा किसी रुप में भारत भेजना होता है।

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भारतीय अमीर परेशान

LRS Scheme and New Confusion among rich Indians: भारतीय अमीरों के बीच उनके विदेश में रखे पैसों लेकर परेशानी बढ़ गई है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि इस पैसों का कैसे इस्तेमाल किया जाय। मामला LRS स्कीम को लेकर है। जिसके जरिए उन्हें हर साल विदेश में 2.5 लाख डॉलर (मौजूदा रेट के अनुसार 2 करोड़ रुपये) भेजने की इजाजत है। अब जिन भारतीयों ने विदेशी बैंकों में अपने खाते खोल रखे है, वह नए नियम को लेकर कंफ्यूज हैं। इसकी वजह से उनके लिए विदेश रखे पैसे को कानूनी रुप से इस्तेमाल करने में परेशानी खड़ी हो गई है।

क्या है LRS

भारतीय रिजर्व बैंक के Liberalised Remittance Scheme (LRS) स्कीम के तहत कोई भी भारतीय एक वित्त वर्ष में चालू खाता या पूंजी खाते या दोनों में किसी भी तरह से विदेश में 2.5 लाख डालर का निवेश या कर्ज दे सकता है। ईटी की खबर के अनुसार भारतीय अमीर विदेश में शेयर बाजार, करंसी आदि में निवेश करते हैं। अब इसमें पेंच यह है कि LRS के तहत बैंक में केवल 180 दिन ही पैसा रखा जा सकता है। उसके बाद खाताधारक को पैसा किसी रुप में भारत भेजना होता है। भारतीय अमीरों को इस बात का कंफ्यूजन है कि क्या वह यह पैसा 180 दिन बाद भी बैंक एफडी के रुप में रख सकते हैं या नहीं।

LRS को आरबीआई कर चुका है सख्त

इसके पहले आरबीआई ने 2018 में LRS के तहत यूज होने वाले पैसे को लेकर सख्ती की थी। नए नियम में 25000 हजार डॉलर से कम राशि पर भी पैन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया था। इसके पहले तहत 25 हजार डॉलर से ज्यादा की रकम के लिए ही पैन कार्ड अनिवार्य था। यानी अब सभी रकम के लेन-देन के लिए पैन कार्ज LRS स्कीम में अनिवार्य कर दिया गया है।

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