Mahindra Finance Fraud: महिंद्रा फाइनेंस में 150 करोड़ का फ्रॉड, KYC से की गई जालसाजी, RBI की भी नजर

Mahindra Finance Loan Fraud: कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया है कि कि उसकी एक शाखा में खुदरा वाहन कर्ज में लगभग 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला मार्च में पता लगा था और वित्तीय नतीजों को अंतिम रूप देने के लिए निदेशक मंडल की बैठक 30 मई तक के लिए टाल दी गई है।

महिंद्रा फाइनेंस में फ्रॉड

Mahindra Finance Loan Fraud:महिंद्रा फाइनेंस में एक बड़े फ्रॉड का मामला सामने आया है। एक ब्रांच से वाहन लोन देने में 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। यह फ्रॉड इतना बड़ा है कि कंपनी को अपने तिमाही परिणाम टालने पड़ गए हैं। यह पूरा फ्रॉड पूर्वोत्तर भारत की एक ब्रांच से किया गया है। इसके लिए फ्रॉड करने वालों ने केवाईसी में जालसाजी की है। और फिर 150 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया गया है। इस संबंध कंपनी के शीर्ष प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। और इस पर डिटेल रिपोर्ट जल्द आ सकती है। और इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। अब ऐसी खबरे हैं कि इस पूरे मामले पर आरबीआई भी आने वाले दिनों में कोई एक्शन ले सकता है।

क्या है मामला

कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया है कि कि उसकी एक शाखा में खुदरा वाहन कर्ज में लगभग 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला मार्च में पता लगा था और वित्तीय नतीजों को अंतिम रूप देने के लिए निदेशक मंडल की बैठक 30 मई तक के लिए टाल दी गई है। सूचना में कहा है कि कि मार्च 2024 को समाप्त अवधि के लिए वित्तीय विवरण, परिणाम और लाभांश पर विचार करने के लिए निदेशक मंडल की बैठक नए सिरे से निर्धारित की गई है और अब यह 30 मई, 2024 को आयोजित की जाएगी।

महिंद्रा फाइनेंस ने कहा कि 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही के अंत के समय पूर्वोत्तर में कंपनी की एक शाखा में धोखाधड़ी का पता चला।कंपनी ने कहा, "खुदरा वाहन ऋण वितरण के संबंध में हुई धोखाधड़ी में केवाईसी दस्तावेजों की जालसाजी की गई जिससे कंपनी के धन का गबन हुआ। मामले में जांच अग्रिम चरण में है। अनुमान है कि इस धोखाधड़ी से 150 करोड़ रुपये तक का वित्तीय प्रभाव पड़ने की आशंका है।”

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