GST On Insurance: गडकरी के सपोर्ट में ममता बनर्जी, बोलीं- इंश्योरेंस से हटना चाहिए GST

GST On Insurance: जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद की इसी महीने बैठक होने वाली है। गडकरी की मांग का ममता बनर्जी के अलावा कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार राय और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद ए डी सिंह समेत कई विपक्षी नेताओं का भी समर्थन मिला है।

GST On Insurance: गडकरी के सपोर्ट में ममता बनर्जी, बोलीं- इंश्योरेंस से हटना चाहिए GST
GST On Insurance:केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस बीमा के प्रीमियम पर लगे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को हटाने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि GST लेना लोगों की अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों का ख्याल रखने की क्षमता पर निगेटिव असर डालता है। गडकरी की तरफ से अपनी सहयोगी मंत्री को लिखे पत्र में की गई इस मांग को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार राय और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद ए डी सिंह समेत कई विपक्षी नेताओं का भी समर्थन मिला है।

इस महीने होने वाली है बैठक
जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद की इसी महीने बैठक होने वाली है। इसकी पिछली बैठक जून में हुई थी। इसके पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में जीवन बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा प्रीमियर पर 18 प्रतिशत की दर से लागू जीएसटी को हटाने की मांग की थी। उसके बाद ममता बनर्जी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में इस मांग का समर्थन किया। उन्होंने लिखा है कि हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि लोगों की स्वास्थ्य अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लागू जीएसटी को हटा दे। यह जीएसटी खराब है क्योंकि यह लोगों की अपनी जरूरतों का ध्यान रख पाने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। अगर भारत सरकार जन-विरोधी जीएसटी वापस नहीं लेती है तो हम सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे।

क्या होगा फायदा
जीएसटी हटने से कैसे फायदा मिलेगा, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि मान लीजिए किसी व्यक्ति का हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम अमाउंट बिना जीएसटी के 10,000 रुपये हैं। तो उसे अभी 10 हजार के प्रीमियम पर 1800 रुपये यानी 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ता है। ऐसे में जीएसटी हटने से बड़ी राहत मिल जाएगी। अगर परिषद इसे 18 फीसदी की जगह 5 फीसदी के स्लैब में भी रखती है तो 13 फीसदी यानी 10,000 पर 1300 रुपये की सीधी बचत हो जाएगी।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

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