हिंसा ने तोड़ दी मणिपुर की कमर, 80 फीसदी एक्सपोर्ट घटा, इन कारोबारियों को हुआ भारी नुकसान

Manipur Violence: मणिपुर मोइरांगफी, लीरम, लेसिंगफी और फैनेक जैसे कपड़ों के लिए मशहूर है, जिनकी अमेरिका, यूरोप और सिंगापुर में अच्छी मांग है। जातीय हिंसा से जहां एक तरफ जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों को भी भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।

हिंसा के कारण मणिपुर का निर्यात घटा

मुख्य बातें
  • मणिपुर का निर्यात 80 फीसदी घटा
  • हाथ से बने वस्त्रों के निर्यात में गिरावट
  • राज्य की इकोनॉमी हुई प्रभावित

Manipur Violence: काफी समय से नॉर्थ ईस्ट स्टेट मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। जातीय हिंसा से जहां एक तरफ जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों को भी भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। नॉर्थ ईस्ट फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड (एनईएफआईटी) के उपाध्यक्ष (मणिपुर) एम चंद्रकेशोर सिंह पल्लेल के अनुसार, मणिपुर में लंबी जातीय हिंसा के कारण राज्य के हाथ से बने वस्त्रों (Handwoven Textiles), औषधीय पौधों और फूड आइटम के निर्यात में लगभग 80 फीसदी की कमी आई है।
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विदेशों तक जाता है सामान

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर मोइरांगफी, लीरम, लेसिंगफी और फैनेक जैसे कपड़ों के लिए मशहूर है, जिनकी अमेरिका, यूरोप और सिंगापुर में अच्छी मांग है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मैतियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के अदालती आदेश के बाद मई की शुरुआत में राज्य में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद से 142 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
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