New NFO Rules: एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए SEBI के नए निर्देश, NFO से जुटाए फंड पर बड़ा अपडेट
New NFO Rules: सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनका मकसद म्यूचुअल फंड के परिचालन में जुझारूपन लाना और निवेशकों के लिए अधिक जवाबदेही और उनके बीच भरोसा सुनिश्चित करना है।
NFO पर है अपडेट
- SEBI के नए निर्देश
- एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए किए जारी
- NFO पर है अपडेट
New NFO Rules: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) के जरिए जुटाई गई राशि के निवेश के लिए समयसीमा तय करने और एएमसी कर्मचारियों के हितों को यूनिटधारकों के हितों के साथ जोड़ने के मामले में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को बेहतर बनाने का फैसला किया है। बाजार नियामक सेबी ने इसके अलावा निवेशकों को अधिक पारदर्शिता प्रदान करने के लिए सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए प्रेशर टेस्टिंग का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है।
ये भी पढ़ें -
क्या है नए नियमों का मकसद
सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनका मकसद म्यूचुअल फंड के परिचालन में जुझारूपन लाना और निवेशकों के लिए अधिक जवाबदेही और उनके बीच भरोसा सुनिश्चित करना है।
समयसीमा के मामले में सेबी ने कहा कि फंड मैनेजर्स को एनएफओ से इकट्ठा किए गए फंड को योजना के निर्दिष्ट एसेट आवंटन के तहत 30 दिन के भीतर निवेश करना होगा।
निवेशकों के पास होगी ये सुविधा
सेबी ने बयान में कहा, यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर धनराशि का निवेश नहीं किया जाता है, तो निवेशकों के पास बिना कोई निकासी राशि चुकाए योजना से बाहर निकलने का विकल्प होगा। यह बदलाव एएमसी को एनएफओ के दौरान अतिरिक्त पैसा जुटाने से हतोत्साहित करता है, क्योंकि निवेशक बाद में नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर ओपन-एंडेड योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
सेबी ने कहा, ‘‘नए फ्रेमवर्क का उद्देश्य एएमसी को एनएफओ में केवल उतना ही धन एकत्र करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जितना एक उचित समय अवधि (यानी सामान्यतः 30 दिन) में निवेश किया जा सके, क्योंकि ओपन-एंडेड फंड में निवेशकों के पास हमेशा बाद में एनएवी पर योजना में प्रवेश करने का विकल्प होता है।’’
स्विच लेनदेन पर क्या होगा नियम
बयान के अनुसार, ‘‘ यह निवेशकों को बिना किसी निकासी राशि अदा किए (एक्जिट लोड) योजना से बाहर निकलने का विकल्प प्रदान करता है, यदि फंड मैनेजर तय समयसीमा में फंड का निवेश करने में असमर्थ हो। ’’
सेबी ने कहा कि ‘स्विच’ लेनदेन (एक म्यूचुअल फंड से दूसरे में राशि स्थानांतरित करना) के लिए एनएफओ में संभावित गलत बिक्री के मुद्दे को हल करने के लिए वितरक ‘स्विच’ लेनदेन की दो योजनाओं के तहत दिए जाने वाले दो ‘कमीशन’ में से कम ‘कमीशन’ के पात्र होंगे।
आसान होंगे रिडम्पशन नियम
इसके तहत नियामक ने नामित कर्मचारियों के लिए आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि को कम करने, अनुपालन से संबंधित खुलासा के अवधि कम करने, कैश फंड का मैनेजमेंट करने वाले कर्मचारियों के लिए आवश्यकताओं में ढील देने और रिडेम्पशन मानदंडों को सरल बनाने का निर्णय लिया है।
इसके अतिरिक्त, सेबी ने कहा कि अब इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों के निवेश पर ‘लॉक-इन’ अवधि कम कर दी जाएगी। नियामक ने समिति को नामित कर्मचारियों द्वारा अनुपालन की निगरानी करने का अधिकार दिया है।
क्या कह रहे एक्सपर्ट
ट्रस्ट एमएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संदीप बागला ने कहा, ‘‘...यह सेबी का सही दिशा में उठाया गया स्वागतयोग्य कदम है। एमएफ उद्योग तेजी से विस्तार कर रहा है और यूनिटधारकों के हितों की सेवा व सुरक्षा के लिए कुशल पेशेवरों को बनाए रखने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ नियमों की प्रासंगिकता, संदर्भ तथा प्रभावशीलता पर नियमित तौर पर गौर किया जाना चाहिए।’’ (इनपुट - भाषा)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
DAM Capital IPO GMP: खुलते ही खरीदने दौड़े लोग, IPO GMP दे रहा कमाई की गवाही!
Gold Import of India: कैलकुलेशन की गड़बड़ी से दर्ज हुआ सोने का रिकॉर्ड आयात ! गलती ढूंढने में लगे अधिकारी
Zomato Delivery Charges: ये क्या ! जोमैटो ने 10 रु वाली पानी की बोतल 100 रु में बेची, मचा बवाल तो मांगी माफी
Gold-Silver Price Today 19 December 2024: सोना-चांदी में आज कितनी आई गिरावट, जानें अपने शहर का भाव
Stock Market: US Fed ने घटाई ब्याज दर फिर भी टूटा भारतीय शेयर बाजार, असल टेंशन है ये, जिससे घबरा गए निवेशक
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited