इंटरपोल वांटेड लिस्ट से हटा मेहुल चोकसी का नाम, आजाद हुआ PNB से धोखाधड़ी करने वाला भगोड़ा हीरा कारोबारी
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से हजारों करोड़ रुपए धोखाधड़ी कर फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल ने हटा लिया है। चोकसी अब दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है।
मेहुल चोकसी
नई दिल्ली: इंटरपोल ने भगोड़े बिजनेसमैन मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) को हटा लिया है। यह सीबीआई और ईडी के के लिए बड़ा झटका है। इसका मतलब यह है कि 2 अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी में वांटेड हीरा कारोबारी अब इंटरपोल के लिए वांटेड व्यक्ति नहीं है। यह फैसला चोकसी द्वारा एंटीगुआ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करने के बाद आया है। जिसमें भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों (संभवतः) रॉ एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा किया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई अधिकारियों ने इंटरपोल के फैसले पर पूछे गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। चोकसी ने हाल ही में भारत सरकार को पार्टी बनाते हुए एंटीगुआ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा कर लिया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए। आरसीएन के हटने का मतलब है कि चोकसी अब दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है।
भारत ने 2018 में एंटीगुआ से चोकसी के प्रत्यपर्ण के लिए कहा था। मेहुल चोकसी को पहले ही 2018 में एंटीगुआ की नागरिकता मिल चुकी है। हालांकि भारतीय अधिकारियों ने उसका पासपोर्ट रद्द नहीं किया है। मेहुल चोकसी ने अपने भांजा नीरव मोदी के साथ कथित तौर पर भारत में 2 अरब अमेरिकी डॉलर की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी की साजिश रची थी। चोकसी का नाम आरसीएन लिस्ट से हटाते समय इंटरपोल ने कथित अपहरण का जिक्र किया है।
भगोड़े हीरा कारोबारी ने एंटीगुआ और बारबुडा से अपने कथित अपहरण का हवाला देते हुए अपने रेड नोटिस की समीक्षा के लिए पिछले साल वैश्विक निकाय से संपर्क किया था। मेहुल चोकसी के प्रतिनिधि ने वैश्विक पुलिस निकाय को आश्वस्त किया था कि भारतीय जांच एजेंसियों ने उसका अपहरण करने का प्रयास किया था। इन आधारों पर उन्होंने चोकसी को वांडेट लिस्ट से हटाए जाने के भारत सरकार के विरोध को मानने से इनकार कर दिया।
चोकसी का नाम आरसीएन लिस्ट से हटाते हुए इंटरपोल ने कथित अपहरण का जिक्र किया है। अपने आदेश में इंटरपोल ने कहा कि इस बात की विश्वसनीय संभावना है कि एंटीगुआ से डोमिनिका के आवेदक के अपहरण का अंतिम उद्देश्य आवेदक को भारत भेजना था और भारत लौटने पर उसे निष्पक्ष ट्रायल या इलाज नहीं मिलने का जोखिम हो सकता है।
इससे भारत सरकार और दो संघीय एजेंसियों, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लिए एक झटका है। रेड नोटिस को हटाने का मतलब है कि मेहुल चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा से बाहर यात्रा कर सकता है, जिसके वह नागरिक है।
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