Share Market Outlook: मिडकैप स्टॉक्स हैं ओवरवैल्यूड, आगे कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल, जानिए एक्सपर्ट की राय
Share Market Outlook: महंगा बाजार का मतलब है ओवरवैल्यूड। जिन स्टॉक्स का मार्केट प्राइस उसके आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) या प्राइस की तुलना में अधिक होता है, उन्हें ओवरवैल्यूड स्टॉक माना जाता है। ये चीज इंडेक्स, पूरे शेयर बाजार या किसी विशेष शेयर पर लागू होती है।
शेयर बाजार है ओवरवैल्यूड
मुख्य बातें
- शेयर बाजार है ओवरवैल्यूड
- एक्सपर्ट की राय में मिडकैप शेयर भी ओवरवैल्यूड
- बाजार के लिए की चीजें पॉजिटिव
Share Market Outlook: अपने एक लेटेस्ट नोट (GREED & Fear Note) में जेफरीज के क्रिस्टोफर वुड ने कहा कि शेयर बाजार महंगा लग रहा है। उन्होंने ये बात खासकर मिडकैप शेयरों के बारे में कही है। उन्होंने बताया कि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स इस समय अपनी एक साल की आगे की कमाई के 25.9 गुना पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी के लिए यह रेशियो 20.2 गुना है। इस हाई वैल्यूएशन के बावजूद वुड का मानना है कि इस स्थिति को कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल के जरिए चल रहे डेवलपमेंट और हाल के बजट में पेश किए गए फंडेड प्रोजेक्ट के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की रोशनी में देखा जाना चाहिए। बजट में सरकार ने लोकलुभावन घोषणाएं नहीं कीं।
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क्या होता है महंगा बाजार
महंगा बाजार का मतलब है ओवरवैल्यूड। जिन स्टॉक्स का मार्केट प्राइस उसके आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) या प्राइस की तुलना में अधिक होता है, उन्हें ओवरवैल्यूड स्टॉक माना जाता है। ये चीज इंडेक्स, पूरे शेयर बाजार या किसी विशेष शेयर पर लागू होती है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से मिल रहा सपोर्ट
ईटी नाउ स्वदेश की रिपोर्ट के अनुसार वुड 10 साल के लिहाज से भारत के शेयर बाजार को सबसे बेहतर मानते हैं। वुड के मुताबिक इस समय शेयर बाजार को म्यूचुअल फंड के फ्लो से सपोर्ट मिल रहा है। घरेलू इक्विटी म्यूचुअल फंड में मासिक निवेश मई 2023 में 2,700 करोड़ रुपये से बढ़कर जनवरी, 2024 में 29,100 करोड़ रुपये हो गया।
कैसी रह सकती है भारत की जीडीपी
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान देगा। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, 2028 तक दुनिया की रियल जीडीपी ग्रोथ में भारत का हिस्सा 7.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
ये अनुमान अगले पांच वर्षों में भारत में 6.3 प्रतिशत की औसत वार्षिक रियल जीडीपी ग्रोथ के अनुमान पर आधारित है। नोट में कहा गया है कि ग्लोबल नॉमिनल जीडीपी के मामले में भारत की रैंकिंग 2005 में 13वीं सबसे बड़ी से बढ़कर 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी होने की उम्मीद है।
चुनावों पर क्या है रुझान
वुड ने कहा है कि अप्रैल-मई में आगामी आम चुनाव को देखते हुए, उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी भाजपा पार्टी के लिए ऐतिहासिक जीत हासिल करने का लक्ष्य रखेंगे। पिछले आम चुनावों में भाजपा ने लोकसभा में 303 सीटें जीतीं, जो 2014 में 282 थी।
मोदी ने आगामी चुनाव में भाजपा के लिए 370 और एनडीए के लिए 400+ सीटों का लक्ष्य रखा है। नोट में कहा गया है कि ऐसा चुनावी परिणाम अब दूर की कौड़ी नहीं है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी बड़े संकट से जूझ रही है।
मिली-जुली तस्वीर बन रही
ईटी नाउ स्वदेश की रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर GREED & fear note भारत के लिए एक मिली-जुली तस्वीर पेश कर रहा है। इसमें मार्केट वैल्यूएशन और राजनीतिक स्थिति दोनों की चुनौतियों पर रोशनी डाली गई है। हालाँकि, यह भारत की लॉन्ग-टर्म इकोनॉमिक ग्रोथ की उम्मीदों के मामले में आशावादी है।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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