भारत में दिख रहा दूध का संकट, मिल्क प्रोडक्शन में दर्ज की गई गिरावट

Milk Crisis in India: भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और अमूल देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी है। दूध उत्पादन के लिए अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय काफी व्यस्त रहता है, जिसे फ्लश सीजन भी कहा जाता है। इस दौरान अच्छे मौसम की वजह से दूध का उत्पादन 25-30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

अक्टूबर 2022-मार्च 2023 के दौरान दूध के उत्पादन में दर्ज की गई कमी

Milk Crisis in India: भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और अमूल देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी है। दूध उत्पादन के लिए अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय काफी व्यस्त रहता है, जिसे फ्लश सीजन भी कहा जाता है। इस दौरान अच्छे मौसम की वजह से दूध का उत्पादन 25-30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है क्योंकि इस दौरान ज्यादा गर्मी नहीं रहती है और मौसम ठंडा रहता है। दूध उत्पादकों के साथ-साथ डेयरी कंपनियों के लिए भी ये समय काफी व्यस्त रहता है क्योंकि इस दौरान कंपनियां सबसे ज्यादा दूध खरीदती हैं।

पिछले फ्लश सीजन में देखी गई दूध उत्पादन में कमी

लेकिन अक्टूबर 2022 से लेकर मार्च 2023 के फ्लश सीजन बाकी सालों की तरह नहीं थे, ये काफी असामान्य रहे। 10 लाख करोड़ रुपये वाले भारत के डेयरी उद्योग के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई। Fortune India की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक किसान ने बताया कि उनकी गायों ने 2-3 प्रतिशत कम दूध दिया। वहीं दूसरी ओर, अमूल के एमडी जयेन मेहता ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 में दूध उत्पादन में 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।

दुनिया के सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश इंपोर्ट पर कर रहा विचार

लेकिन हैरानी की बात ये है कि छोटी सहकारी समितियों और निजी डेयरियों के पास चिंताजनक आंकड़े हैं। इन्होंने बताया कि उनका घाटा 7 से 8 प्रतिशत हो सकता है। दूध का उत्पादन गिरने का सीधा मतलब ये है कि दूध से बनने वाले अन्य उत्पाद जैसे- घी, मक्खन, पनीर, दही, आइसक्रीम आदि के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ेगा। भारत में दूध की किल्लत को इस तरह से आसानी से समझा जा सकता है कि दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश को अब दूध के इंपोर्ट के बारे में चर्चा करने की जरूरत पड़ रही है।

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