Milk MSP: हिमाचल प्रदेश में गाय और भैंस के दूध पर बढ़ी एमएसपी
Milk MSP: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार का 58,444 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। बजट में कृषि क्षेत्र पर खासतौर से जोर देते हुए गाय और भैंस के दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का ऐलान किया गया।
हिमाचल प्रदेश में दूध पर बढ़ा एमएसपी
Milk MSP: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार का 58,444 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में कृषि क्षेत्र पर खासतौर से जोर देते हुए गाय और भैंस के दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) बढ़ाने का ऐलान किया गया। सुक्खू ने अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि MSP गाय के दूध पर 38 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध पर 38 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर कर दी गई है। राज्य में वित्त विभाग मुख्यमंत्री के पास है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दूध के लिए MSP घोषित करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि सभी दुग्ध सहकारी समितियों की देनदारियों को माफ कर दिया जाएगा और दूध खरीद तथा प्रसंस्करण अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए कोई नया कर प्रस्तावित नहीं किया है।
राजस्व प्राप्तियां और राजस्व व्यय क्रमशः 42,153 करोड़ रुपये और 46,667 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। इसका अर्थ है कि अनुमानित राजस्व घाटा 4,514 करोड़ रुपये है। राजकोषीय घाटा 10,784 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.75 प्रतिशत है। राज्य सरकार प्रत्येक 100 रुपये के खर्च में 25 रुपये वेतन पर, 17 रुपये पेंशन पर, 11 रुपये ब्याज पर, नौ रुपये ऋण चुकौती पर और 10 रुपये स्वायत्त संस्थानों को अनुदान पर खर्च करेगी। केवल 28 रुपये अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना की घोषणा की। इसके तहत 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। सुक्खू ने आगे कहा कि सेब पैकेजिंग के लिए मानक कार्टन पेश किए जाएंगे और बागवानी पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने के राज्य सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साल के मानसून के बाद आपदा प्रभावित लोगों के लिए 4,500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी, जबकि केंद्र ने कोई विशेष पैकेज नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण हिमाचल पर कुल कर्ज 87,788 करोड़ रुपये का कर्ज है।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल को केंद्र से 22,406 करोड़ रुपये की राशि मिलनी बाकी है, जिसमें आपदा के बाद की जरूरत के लिए 9,906 करोड़ रुपये का प्रस्ताव, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से बिजली बकाया के रूप में 4500 करोड़ रुपये और पेंशन योजना के तहत कुल 8,000 करोड़ रुपये का कर्मचारियों का योगदान शामिल है। उन्होंने कहा कि 327 पुरानी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा और राज्य में वाहन स्क्रैप केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 60 रुपये बढ़ाकर 240 से 300 रुपये प्रतिदिन करने का प्रस्ताव भी रखा। (भाषा)
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