Real Estate News: 2030 तक बढ़ेगी नए घर खरीदने वालों की संख्या, 60% होगी मिलेनियल्स और जेन Z खरीदारों की हिस्सेदारी
Home Buyers 2030: जेएलएल से जारी एक ताजा रिपोर्ट के शहरी क्षेत्रों में अपना घर लेने वाली की संख्या वर्ष 2025 में ही बढ़कर 72 प्रतिशत तक हो जाएगी जो 2020 में 65 प्रतिशत थी। वर्ष 2030 तक नया घर खरीदने वालों में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलेनियल्स और जेन Z वालों की होगी।
2030 घरों डिमांड में आएगी और तेजी (तस्वीर-Canva)
Home Buyers 2030: जेएलएल से जारी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबकि वर्ष 2030 तक नया घर खरीदने वालों में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलेनियल्स और जेन Z वाले घर खरीदारों की होगी। मिलेनियल्स यानी जिनका जन्म करीब वर्ष 1980 से 1992 के मध्य तक हुआ है और 2025 से 2030 के बीच जिनकी आयु 26 से 45 वर्ष की होगी जिन्हें जेनरेशन Y भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें जेनरेशन Z की हिस्सेदारी भी होगी जिनका जन्म वर्ष करीब 1995 से 2012 के मध्य हुआ होगा और उनकी आयु करीब 24 से 32 वर्ष की होगी। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि युवा अपने घर के लिए पहले से ज्यादा तत्पर होगा और अपने करियर की शुरुआत में ही निवेश को प्राथमिकता देना चाहेगा। यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बेहतरीन अवसर है जहां डिमांड के ट्रेंड पहले से दिख रहे है।
रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं युवा
क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता के मुताबिक तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर और संस्थानों द्वारा वैश्विक निवेश के कारण मौजूद के अलावा नए क्षेत्र या लोकेशन भी उभरकर सामने आ रहे है जहां कनेक्टिविटी समस्या नहीं है और रोजगार के मौके उपलब्ध है जो समय के साथ बढ़ते जा रहे है। इस कारण तेजी से शहरीकरण बढ़ रहा है। इसका प्रभाव भविष्य के लिए अपना घर लेने वालों एक अलावा अपने करियर के शुरुआत में अच्छा पैकेज पाने वाले युवा पर भी पड़ रहा है जो बेहतर निवेश और रिटर्न के लिए रियल एस्टेट को प्राथमिकता भी दे रहे है।
हाउसिंग सोसाइटी बेहतरीन विकल्प
निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग के मुताबिक अपना घर लेने के प्रचलन सदियों पुराना है जो समाज में एक स्टैटस सिम्बल और सेंटिमेंट्स के साथ जुड़ा है तथा यह एक ऐसा निवेश है जिसमें रिटर्न कभी नेगटिव नहीं रहा है। मौजूद परिवेश में फ्लोर या एकल घर के बदले योजनबद्द रूप से विकसित की जा रही हाउसिंग सोसाइटी बेहतरीन विकल्प बन गए है जिसमें सभी स्तर की सुविधाएं उपलब्ध रहती है। बदलते समय और कार्यशैली के अनुसार नई जेनरेशन या तो अपने करियर के प्रारंभ में या गृहस्थ जीवन के बाद सुविधा सम्पन्न सोसाइटी में घर लेने को प्राथमिकता दे रहे है।
बेहतरीन सुविधाओं वाले घरों की बढ़ी डिमांड
आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग का मानना है कि हाई राइज संस्कृति के साथ नई जेनरेशन के घर खरीदार लीक से हटकर कई अन्य सुविधाओं, बड़े और थीम आधारित घरों की डिमांड कर रहे है। वर्क फ्राम होम और सेपरेट रूम की डिमांड बढ़ने के कारण हमने अपनी आने वाली परियोजनाओं के शेष टावर में अपेक्षित बदलाव भी किया है जिससे ऐसे ग्राहकों को उनके मांग के अनुसार आपूर्ति की जा सके। यंग जेनरेशन की जरूरत को पूरा करना चुनौती पूर्ण होने के साथ-साथ रोमांचित करने वाला भी है।
इको-फ्रेंडली सोसाइटी की डिमांड
ईरोस ग्रुप के निदेशक अवनीश सूद के अनुसार हमने प्रारंभ से ही संख्या से ज्यादा गुणवत्ता, इको-फ्रेंडली सोसाइटी और इसके अनुरूप घरों का निर्माण करना अपनी प्राथमिकता में रखा था। इस कारण हमे इस प्रकार की पसंद रखने वाले घर खरीदारों से भरपूर सहयोग मिला जो 15-18 फ्लोर के टावर में इको-फ़्रेंडली निर्माण को पसंद करते थे जिसमें 25 से लेकर 40 वर्ष के आयु तक के घर खरीदार शामिल थे और वे रिटायर होने के पहले अपने लिए आशियाना पक्का कर लेना चाहते थे। अच्छी बात है कि यह ट्रेंड आगे भी चलने वाला है।
यंग जेनरेशन की पसंद में बदलाव
रेनॉक्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक शैलेन्द्र शर्मा के अनुसार पिछले एक दशक से रियल एस्टेट सेक्टर में काम करते हुए हमने यंग जेनरेशन की पसंद में बदलाव नोटिस किया है जो अब 360 डिग्री सुविधा युक्त, ग्रीन सर्टिफाइड, स्मार्ट फीचर से लैस या टेक फ़्रेंडली वाले घरों की डिमांड करते है। आज का युवा वर्ग भविष्य की जरूरतों के आधार पर बड़े साइज़ का फ्लैट, अपने लिए एक्स्ट्रा रूम-कम-ऑफिस स्पेस एवं फैमिली के लिए अल्ट्रा-मॉडर्न जिम, थीम बेस्ड पार्क, क्लब व पूल, किड्स एरिया, पार्किंग, सुरक्षा, आदि सुविधाओं की मांग करता है जो प्रत्येक घर खरीदार की आवश्यकता तथा लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है। हमने अपने प्रोजेक्ट को भी इन्हीं बदलाव के अनुसार प्लान किया है जो यंग जेनरेशन की पसंद को मैच कर जाता है।
तेजी से बढ़ती इकोनोमी का असर
के डब्लू ग्रुप के निदेशक पंकज कुमार जैन के मुताबिक यह देश की तेजी से बढ़ती इकोनोमी को दर्शाने वाला है जहां तेजी से बढ़ते निवेश और रोजगार के बढ़ते अवसरों के साथ-साथ होम लोन की दरें एक युवा को बेहतर भविष्य के लिए घर खरीदने हेतु प्रेरित करता है। इसका एक कारण सरकार द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर का निगरानी के लिए रेरा का गठन और पॉलिसी स्तर पर बदलाव भी है जिससे सकारात्मक माहौल बना है। देश का युवा अब पहले से ज्यादा प्लैनिंग करके आगे बढ़ने की तैयारी करते है। ऐसे में लंबे समय तक रेंट की मार और बार-बार घर बदलने की टेंशन को परमानेन्ट दूर करने के लिए ऐसी जगह अपना घर होना ही एक मात्र विकल्प है जहां से कनेक्टिविटी आसान हो और बजट में फिट होने वाले विकल्प भी मिल सके।
इसी डाटा के अनुसार शहरी क्षेत्रों में अपना घर लेने वाली की संख्या वर्ष 2025 में ही बढ़कर 72 प्रतिशत तक हो जाएगी जो 2020 में 65 प्रतिशत थी। इसमें अफोर्डेबल घरों हेतु वित्तीय सहायता, सरकार की पॉलिसी में बदलाव और नए तथा उभरते क्षेत्रों के युवा वर्ग द्वारा प्रॉपर्टी में निवेश के लिए तैयारी भी प्रभावी कारक होंगे। कुल मिलकर यह डाटा रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अगले 5 वर्ष तक बढ़िया डिमांड बने रहने, अपने घर लेने वालों की संख्या बढ़ने और शहरीकरण के बढ़ते ग्राफ की ओर इशारा कर रहा है जहां घर खरीदार युवा एवं फैमिली वर्ग का होगा, आवश्यकता है तो उनकी जरूरत के अनुसार यूनिटस की आपूर्ति करते रहने की!
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