भारत का खेल में बढ़ा रुतबा,कोविड के बावजूद खिलाड़ियों ने देश को किया गौरवान्वित: अनुराग ठाकुर

Times Now Summit 2022: टाइम्स नाउ समिट 2022 के मंच में देश के दिग्गज राजनेता, विशेषज्ञ, विपक्षी नेता और फिल्म जगत की हस्तियों ने शिरकत की।

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Times Now Summit 2022 में अनुराग ठाकुर

Times Now Summit 2022: देश और दुनिया कोरोना वायरस महामारी के संकट से बाहर आ गई है। और अब दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभुत्व की चर्चा है। ऐसे में टाइम्स नाउ ने दो दिवसीय टाइम्स नाउ समिट का आयोजन किया, जिसका आगाज 24 नवंबर 2022 को हुआ। समिट में सूचना और प्रसारण मंत्री एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने भी शिरकत की। उन्होंने टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ और एडिटोरियल डायरेक्टर राहुल शिवशंकर से बातचीत में भारत में खेल के विकास पर कहा कि खेल मंत्रालय का 2013-14 में सालाना बजट करीब 840 करोड़ रुपये था। इस साल स्पोर्ट्स यह बजट बढ़कर करीब 2400 करोड़ रुपये पहुंच गया है। 2013 में भारत में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट करीब 560 करोड़ रुपये के थे। आज यह 2700 करोड़ रुपये पार कर गए है। अगर हम UPA के दौर से इसकी तुलना करें, तो यह चार से पांच गुना अधिक है। इसके अलावा कई प्राइवेट उद्यमी भी हैं जो निवेश कर रहे हैं।

सरकार नहीं करती दखलअंदाजी

अगर आप अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को देखें, तो ओलंपिक चार्टर कहता है कि खेल निकायों को ऑटोनॉमस होना चाहिए। इसमें सरकार की ओर से दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। इसलिए हम सीधे खेल निकायों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। वे अपने पदाधिकारियों का चुनाव करते हैं, अपने मेंबर्स का चुनाव करते हैं। हमारा एक नेशलन स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड है, जिसका वे पालन करते हैं।

ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन बैन पर कही ये बात

अगर आप पिछले चार महीनों को देखें, तो ज्यादातर फेडरेशन ने स्पोर्ट्स कोड का पालन किया है, जो कि इससे पहले कभी नहीं हुआ। जहां तक फीफा (FIFA) की ओर से ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन (AIFF) को प्रतिबंधित या निलंबित करने का सवाल है, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। युवा पीढ़ी के बीच सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट में से एक अंडर 17 महिला फुटबॉल विश्व चैंपियनशिप (U-17 women football world championship) है। इसका भारत ने सफलतापूर्वक आयाोजन कराया।

राजनीति और खेल का नाता कितना सही

अगर एक राजनेता पूरे देश को या किसी भी विभाग को चला सकता है तो खेल को भी चला सकता है। इसमें कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। कल्याण चौबे (Kalyan Chaubey) पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी हैं। अब वे इलेक्टिड रिप्रिसेंटेटिव एमएलए भी हैं। क्या आपको लगता है कि उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए? रोजर बिन्नी आज बीसीसीआई की कमान संभाल रहे हैं। एक समय पर मैं इसका नेतृत्व कर रहा था। लेकिन जब मैंने हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन की अध्यक्षता संभाली, तो मैं 2000 में निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं था। क्या आपको लगता है कि जब मैं सांसद बना तो मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए था?

मुझे लगता है केस-टू-केस आधार पर देखना चाहिए कि क्या आपके आने से फायदा हुआ? अरुण जेटली जी डीडीसीए के अध्यक्ष बने। दिल्ली में कभी स्टेडियम नहीं था, उन्होंने एक सुंदर स्टेडियम बनाकर दिया। पवार साहब ने मुंबई में स्टेडियम बनाया। मैं राजनेता नहीं था लेकिन मैंने 26 साल की उम्र में बिना सरकार के खर्चे के धर्मशाला में दुनिया का सबसे खूबसूरत स्टेडियम बनाया।

ठाकुर ने आगे कहा कि गुजरात और हिमाचल में आम आदमी पार्टी का दिल्ली मॉडल रिजेक्ट होगा, उनका गवर्नेंस मॉडल ये है कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोप के बाद 2 महीने में इस्तीफा देना पड़ा। ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने 8 साल में भ्रष्टाचार मुक्त शासन दिया है।

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