मोदी सरकार को इन शहरों से होती है सबसे ज्यादा कमाई, अकेला मुंबई देता है करीब 5 लाख करोड़
डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू के मामले में सरकार को सबसे अधिक कमाई मुंबई से होती है। लिस्ट में दूसरे नंबर पर है राजधानी दिल्ली। अन्य टॉप 5 शहरों में बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद शामिल हैं।
मुंबई से सरकार को मिलते हैं 4.95 लाख करोड़
मुख्य बातें
- मुंबई से सरकार को मिलते हैं 4.95 लाख करोड़
- राजधानी से मिलते हैं 2.07 लाख करोड़ रु
- बेंगलुरु के टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ है 525 फीसदी
Direct Tax Collection : केंद्र सरकार को जिन स्रोतों से कमाई होती है, उनमें डायरेक्ट टैक्स भी शामिल है। बल्कि कहा जा सकता है यह सरकार के लिए कमाई का बहुत अहम स्रोत है। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मामले में 5 शहर ऐसे हैं, जो सरकार को सबसे अधिक रेवेन्यू देते हैं। इनमें पहले नंबर पर मुंबई है। आगे जानिए मुंबई से सरकार को कितनी इनकम होती है। साथ ही जानिए लिस्ट में बाकी 4 नाम कौन से हैं।संबंधित खबरें
ये हैं टॉप 5 शहरसंबंधित खबरें
मुंबई : 4.95 लाख करोड़ रुपये
दिल्ली : 2.07 लाख करोड़ रुपये
बेंगलुरु : 2.04 लाख करोड़ रुपयेसंबंधित खबरें
चेन्नई : 1.05 लाख करोड़ रुपये
हैदराबाद : 88,438 करोड़ रुपये
दिल्ली से आगे निकलने वाला है बेंगलुरुसंबंधित खबरें
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग के एक इंटरनल एनालिसिस के मुताबिक बेंगलुरु देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन सकता है और जल्दी ही यह दिल्ली को इस लिस्ट में पछाड़ सकता है। इसका कारण है बेंगलुरु में बढ़ते इंडस्ट्रियल हब और आईटी सेक्टर।संबंधित खबरें
कहां से कहां पहुंचा बेंगलुरु का योगदानसंबंधित खबरें
लिस्ट में पहले नंबर पर मुंबई है। पर बेंगलुरु की ग्रोथ बहुत तेज है। वित्त वर्ष 2007-08 में इसका डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में योगदान 32692 करोड़ रु था, जो 2022-23 में 2.04 लाख करोड़ रु हो गया। इस दौरान पर्सनल इनकम और कॉर्पोरेशन टैक्स सहित बेंगलुरु के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 525 फीसदी की ग्रोथ हुई है।संबंधित खबरें
कितना है देश का ग्रॉस टैक्स कलेक्शनसंबंधित खबरें
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश का ग्रॉस टैक्स कलेक्शन पिछले वित्त वर्ष में 10 जनवरी तक 24.58 प्रतिशत बढ़ कर 14.71 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसे पर्सनल इनकम टैक्स में वृद्धि से काफी सपोर्ट मिला। रिफंड एडजस्ट करने के बाद, नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्श 12.31 लाख करोड़ रुपये रहा। ये 2021-22 की इसी अवधि के नेट कलेक्शन से 19.55 प्रतिशत अधिक रहा था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नेट कलेक्शन डायरेक्ट टैक्स के कुल बजट अनुमानों का 86.68 प्रतिशत रहा। बजट में वित्त वर्ष 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था।संबंधित खबरें
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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