PSU Disinvestment: सरकारी कंपनियों के लिए सरकार ने बदली रणनीति, अब विनिवेश नहीं परफॉर्मेंस पर फोकस
PSU Disinvestment: सार्वजनिक क्षेत्र की 77 सूचीबद्ध इकाइयों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले तीन वर्षों में चार गुना बढ़कर लगभग 73 लाख करोड़ रुपये हो गया है।इसमें अकेले एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 7.2 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
सरकारी कंपनियों के लिए सरकार ने बदली स्ट्रैटेजी
PSU Disinvestment:सरकार सिर्फ अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए विनिवेश पर जोर देने के बजाय केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों (सीपीएसई) का प्रदर्शन बेहतर करने पर ध्यान देगी ताकि संपत्ति के सृजन को अधिकतम किया जा सके। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने पूंजी प्राप्तियों से 50,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये था। सार्वजनिक क्षेत्र की 77 सूचीबद्ध इकाइयों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले तीन वर्षों में चार गुना बढ़कर लगभग 73 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इनमें बैंक, बीमा कंपनियां और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) शामिल हैं।
क्या है सरकार की तैयारी
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है और बाजारों ने इन इकाइयों का बेहतर मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की सीपीएसई के कुल बाजार पूंजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बीएसई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 7.2 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। सार्वजनिक क्षेत्र की 77 सूचीबद्ध इकाइयों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले तीन वर्षों में चार गुना बढ़कर लगभग 73 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इनमें बैंक, बीमा कंपनियां और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) शामिल हैं।
विनिविश प्रमुख रणनीति नहीं
दीपम सचिव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रूप से सुधरा है, पूंजीगत व्यय में सुधार हुआ है। विनिवेश की रणनीति महज मदद करने वाली है। यह परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति में समाहित है, यह प्रमुख रणनीति नहीं है। यदि आपके पास प्रभावी विनिवेश रणनीति है तो वह राजकोषीय परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति है न कि सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति। हम मूल्य-सृजन रणनीति की तरफ झुक रहे हैं और संपत्ति सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।सरकार ने अब बजट दस्तावेज में विनिवेश प्राप्तियों के लिए कोई स्पष्ट लक्ष्य देना भी बंद कर दिया है। यह अब पूंजी प्राप्तियों के लिए बजट प्रदान करती है, जिसमें विनिवेश और परिसंपत्ति मौद्रीकरण से प्राप्तियां शामिल हैं।चालू वित्त वर्ष में सरकार ने पूंजी प्राप्तियों से 50,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये था।
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