पर्सनल लोन की ताबड़तोड़ ग्रोथ को रोकना था जरूरी, मूडीज ने आरबीआई का किया सपोर्ट
Moodys Support Of RBI Decision On Personal Loan: मूडीज के अनुसार, पिछले दो वर्षों में पर्सलन लोन में करीब 24 प्रतिशत और ‘क्रेडिट कार्ड’ लोन में औसतन 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि समग्र बैंकिंग क्षेत्र की लोन में बढ़ोतरी करीब 15 प्रतिशत है।
आरबीआई ने सख्त किए नियम
क्यों कहा सही कदम
मूडीज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असुरक्षित लोन तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे वित्त संस्थानों को अचानक आर्थिक या ब्याज दर के झटके की स्थिति में ऋण लागत में संभावित वृद्धि करनी पड़ती है।मूडीज ने एक बयान में कहा कि उच्च जोखिम-भारित परिसंपत्तियों के जरिए से हामीदारी मानदंडों को कड़ा करना ऋण के लिए सही कदम है क्योंकि ऋणदाताओं की नुकसान से निपटने की स्थिति बेहतर करने के लिए उच्च पूंजी आवंटित करने की आवश्यकता होगी। बयान में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत का असुरक्षित ऋण सेक्शन बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है। इसमें कई नए बैंक, एनबीएफसी और वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियां इस श्रेणी में आक्रामक रूप से लोन बढ़ा रही हैं।
इस तरह बढ़ा लोन
मूडीज के अनुसार, पिछले दो वर्षों में पर्सलन लोन में करीब 24 प्रतिशत और ‘क्रेडिट कार्ड’ लोन में औसतन 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि समग्र बैंकिंग क्षेत्र की लोन में बढ़ोतरी करीब 15 प्रतिशत है।साख तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने पिछले सप्ताह कहा था कि असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज के लिये जोखिम भार बढ़ाकर लोन के मानदंडों को कड़ा करने के रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है।इस कदम से उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण बैंक ऋण देना कम हो जाएगा। साथ ही विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि इससे कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, ऋण वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत बढ़ेगी। दूसरी तरफ, उच्च जोखिम भार से अंततः परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होगी।
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