नौ साल में 1.25 करोड़ नौकरियां देने का सरकार का दावा, मई में थी 7.7 फीसदी बेरोजगारी दर
New Job Generation In India: अब तक करीब 400 व्यवसायों में काम करने वाले करीब 30 करोड़ श्रमिक ई-श्रम पोर्टल से जुड़ चुके हैं। CMIE के आंकड़ों के अनुसार मई महीने में भारत में बेरोजगारी दर 7.7 फीसदी रही ।
2024 के आम चुनाव में नौकरियां बनेंगी मुद्दा
New Job Generation In India:देश में पिछले नौ वर्षों में करीब 1.25 करोड़ नए रोजगार पैदा हुए हैं। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को यह बात कही है। भूपेंद्र यादव ने रोजगार के आंकड़ों पर मंत्रालय की तरफ से किए गए कई संस्थान-आधारित श्रम सर्वेक्षणों का जिक्र करते हुए बताया कि 2014 से 2022 के बीच करीब 1.25 करोड़ नए रोजगार के अवसरों पैदा हुए हैं। मोदी सरकार के लिए रोजगार कोविड -दौर से बड़ी चुनौती रहा है। CMIE के आंकड़ों के अनुसार मई महीने में भारत में बेरोजगारी दर 7.7 फीसदी रही ।
EPFO का बढ़ा दायरा
उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यदि आप ईपीएफओ के आंकड़े देखें तो कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशनभोगियों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 72 लाख हो गई जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में इनकी संख्या 51 लाख थी। इस दौरान लगभग 22 लाख लोग सेवानिवृत्त हुए लेकिन ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पंजीकरण बढ़ गया।श्रम मंत्री ने कहा कि 2014-15 में ईपीएफओ के पंजीकृत अंशधारकों की कुल संख्या 15.84 करोड़ थी, जो 2021-22 में बढ़कर 27.73 करोड़ हो गई।
30 करोड़ लोग ई-श्रम पोर्टल से जुड़े
उन्होंने दो दिन पहले जारी ईपीएफओ के नवीनतम पेरोल आंकड़े का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इस साल अप्रैल के महीने में 17.20 लाख नए सदस्य सेवानिवृत्ति कोष निकाय का हिस्सा बने।उन्होंने कहा कि नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल ने पिछले नौ वर्षों में करीब 1.39 करोड़ खाली पदों की सूचना जुटाने में मदद की। संगठित श्रमिक देश के कुल कार्यबल का सिर्फ 10 प्रतिशत हैं जबकि 90 प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में हैं। असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की गई है और जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 400 व्यवसायों में संलग्न करीब 30 करोड़ श्रमिक ई-श्रम पोर्टल से जुड़ चुके हैं।उन्होंने संस्थान-आधारित श्रम सर्वेक्षणों के बारे में अपने मंत्रालय की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि जल्द ही क्षेत्र-आधारित सर्वेक्षण परिणाम जारी किए जाएंगे, जिससे साक्ष्यों पर आधारित नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
(भाषा इनपुट के साथ)
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