17 लाख लोगों ने ज्यादा पेंशन के लिए किया आवेदन, बकाया राशि का कर्मचारी को करना होगा भुगतान !
EPFO Higher Pension: ऐसी संभावना है कि अतिरिक्त भुगतान के तौर पर जो भी राशि निर्धारित होगी, उसे ब्याज सहित चुकाना होगी। इसके बारे में ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को सूचना दी जाएगी। ज्यादा पेंशन के लिए जो भी अतिरिक्त या बकाया राशि तय होगी उसकी कटौती पीएफ खाते में मौजूद राशि से की जाएगी।
ज्यादा पेंशन के लाखों में आवेदन
EPFO Higher Pension:ज्यादा पेंशन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पास 17 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है। ईपीएफओ अब आवेदन करने वाले लोगों को बकाया रकम के लिए मांग पत्र भी भेज रहा है। इसके तहत कुल 1974 करोड़ रुपये की मांग की गई है। और इस प्रक्रिया के तहत अभी तक 32951 लोगों को मांग पत्र जारी किए हैं। हाल ही में केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में इसकी जानकारी दी गई। इतनी संख्या में आवेदन आने से सभी आवेदनों को निपटाने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।
इनके आवेदन में सुधार की मांग
कुल 17 लाख आवेदनों में इनमें से 6 लाख 29 हजार आवेदनों की जांच पूरी कर ली गई है। जबकि 5 लाख से ज्यादा आवेदनों में नियोक्ताओं को अतिरिक्त विवरण और विसंगतियों में सुधार के लिए भी बोल गया है। जबकि 3,618 आवेदनों को खारिज किया गया है। ट्रस्ट की बैठक में सभी आवेदनों के निपटारे के बाद ही अधिक पेंशन व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया शुरू होंगे। जो आवेदक पैसा जमा करेंगे, वे ज्यादा पेंशन के लिए पात्र होंगे।
ब्याज सहित राशि चुकानी होगी
ऐसी संभावना है कि अतिरिक्त भुगतान के तौर पर जो भी राशि निर्धारित होगी, उसे ब्याज सहित चुकाना होगी। इसके बारे में ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को सूचना दी जाएगी। ज्यादा पेंशन के लिए जो भी अतिरिक्त या बकाया राशि तय होगी उसकी कटौती पीएफ खाते में मौजूद राशि से की जाएगी। यदि पीएफ खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है तो सदस्य को सीधे या नियोक्ता के माध्यम से जमा करनी होगी।
नए नियम से क्या बदला
असल में पेंशन को लेकर , केंद्र सरकार ने एक सितंबर 2014 को नया नियम लागू किया था। जिसमें पेंशन योग्य वेतन सीमा 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दी गई। और इसके तहत मूल वेतन के 8.33 फीसदी के बराबर पेंशन की राशि की जमा करने का प्रावधान किया गया। लेकिन सरकार ने नए नियम में 15000 रुपये से ज्यादा के वेतन वाले कर्चमारियों के लिए, ज्यादा कंट्रीब्यूशन का विकल्प खत्म कर दिया गया। पेंशन खत्म करने का प्रावधान सितंबर 2014 और उसके बाद के सब्सक्राइबर के लिए लागू होना था।इस नियम के खिलाफ कर्मचारी संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। और वहां पर नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कर्चमारियों के हक में फैसला सुनाया। यानी, अब 15000 रुपये से ज्यादा के मूल वेतन वाले कर्मचारी भी 8.33 फीसदी रकम पेंशन के लिए कंट्रीब्यूट कर सकेंगे।
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