F&O Trading: F&O के जाल में 'फंस' रहे युवा, शॉर्ट टर्म के लालच में उठा रहे घाटा, ये गलती पड़ रही भारी

F&O Trading Risk: कुछ ऐप्स ऐसे हैं, जिनके जरिए ट्रेडिंग करना आसान है। इससे पूरी ट्रेडिंग प्रोसेस बहुत आसान हो जाती है। वैसे भी इस समय फिनफ्लुएंसर्स की भरमार है, जिससे कई युवा लोग उनकी ओर आकर्षित होकर इसमें दांव लगाते हैं।

F&O Trading Risk

एफएंडओ ट्रेडिंग के जोखिम

मुख्य बातें
  • F&O पर नया डेटा चौंकाने वाला
  • युवाओं को तगड़ा नुकसान
  • कम इनकम वालों को ज्यादा घाटा

F&O Trading Risk: डेरिवेटिव्स कुछ सबसे जटिल मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में से एक है। ये कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं, जिनमें ट्रेडिंग होती है। आप फ्यूचर की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर कितने सही या गलत हैं, इसके आधार पर प्रॉफिट या लॉस होता है। फिर भी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) - डेरिवेटिव्स - भारतीय निवेशकों, खासकर युवा और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गए हैं। सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक जिनकी सालाना आय 5 लाख रु तक है, वे इसमें काफी रुचि ले रहे हैं। मगर इसमें जोखिम बहुत अधिक होता है और अधिकतर लोग इसमें गंवाते हैं।

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90 फीसदी लोग गंवा रहे पैसा (F&O Trading Loss)

F&O में से 90% से ज्यादा लोग हर साल 1 लाख रु तक का नुकसान उठा रहे हैं, जो 5 लाख तक कमाने वालों कमाई का पाँचवाँ हिस्सा है। फिर भी, F&O में फंसने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। एंट्री कॉस्ट कम होना इसका एक बड़ा कारण है।

अगर आप स्टॉक खरीदना चाहते हैं, तो आपको स्टॉक की कीमत पहले ही चुकानी होगी। लेकिन ऑप्शंस के लिए, आपको केवल प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इसलिए, नुकसान भी छोटा होता है - जिसका मतलब है कि एक नुकसान से किसी को बड़ा नुकसान नहीं होता। मगर छोटे-छोटे नुकसान बढ़ते जाते हैं।

ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए ट्रेडिंग (F&O Trading App)

दरअसल कुछ ऐप्स ऐसे हैं, जिनके जरिए ट्रेडिंग करना आसान है। इससे पूरी ट्रेडिंग प्रोसेस बहुत आसान हो जाती है। वैसे भी इस समय फिनफ्लुएंसर्स की भरमार है, जिससे कई युवा लोग उनकी ओर आकर्षित होकर इसमें दांव लगाते हैं।

युवा गंवा रहे पैसा

युवा ट्रेडर्स (30 वर्ष से कम) का अनुपात वित्त वर्ष 23 में 31% से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 43% हो गया। इस आयु वर्ग में घाटे में रहने वालों की संख्या भी सबसे अधिक रही, जो वित्त वर्ष 24 में 93% हो गई। 60 साल से अधिक घाटे में रहने वालों का संख्या 79 फीसदी रही।

ज्यादा कमाई वाले कम नुकसान में

F&O में निवेश करने वालों में से लगभग तीन-चौथाई ऐसे थे जिनके पास शायद सबसे कम पैसे थे और उनकी वार्षिक आय 5 लाख रु से कम थी। सभी F&O ट्रेडर्स में से केवल 6% की वार्षिक आय 10 लाख से अधिक थी।

5 लाख से कम कमाने वाले और F&O में कारोबार करने वालों का अनुपात FY22 में 71% से बढ़कर FY24 में 76% हो गया है और यह वह समूह था जिसने सबसे ज़्यादा घाटा भी उठाया। इनमें से 92.2% ने FY24 में पैसा गंवाया, जबकि ₹25 लाख-₹1 करोड़ आय वर्ग में से केवल 75% घाटे में रहे।

शहरों में कैसा रहा अनुपात

F&O ट्रेडर्स की बढ़ती संख्या उन लोगों की है जो टॉप शहरों 30 (B30) के अलावा अन्य शहरों में रहते हैं। ऐसे शहर जनसंख्या के हिसाब से भारत के टॉप 30 के बाद आते हैं। वित्त वर्ष 24 में कुल F&O ट्रेडर्स में से 50% से अधिक महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से थे।

21.7% महाराष्ट्र से थे, उसके बाद गुजरात (11.6%), यूपी (10.7%) और राजस्थान (6.2%) का स्थान रहा। दरअसल F&O में बहुत अधिक रिस्क है। जानकारों के अनुसार इसे सीखने के लिए लंबा समय चाहिए। मगर लोग बिना जानकारी के ही F&O में एंट्री कर जाते हैं।

डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर एफएंडओ ट्रेडिंग की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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