GST Fraud: जीएसटी के नाम पर 10,700 फर्जी रजिस्ट्रेशन, सख्ती की तैयारी
GST Fraud: 27 प्रतिशत ऐसे संस्थान पाए गए हैं जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यह प्रतिशत पिछले अभियान की तुलना में करीब समान है। 10,179 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया गया है। फर्जी पंजीकरण के खिलाफ 16 अगस्त से शुरू हुआ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा
जीएसटी फ्रॉड
GST Fraud: टैक्स अधिकारियों ने जीएसटी के तहत करीब 10,700 फर्जी रजिस्ट्रेशन का पता लगाया है, जिनमें 10,179 करोड़ रुपये की कर चोरी शामिल है।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य शशांक प्रिय ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रजिस्ट्रेशन के लिए आधार प्रमाणीकरण पहले से ही 12 राज्यों में लागू है और चार अक्टूबर तक अन्य चार राज्य को भी इसमें शामिल किया जाएगा। अंततः मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित 20 राज्य आधार प्रमाणीकरण शुरू करेंगे।
आने वाले समय में होगी ये सख्ती
‘एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया’ (एसोचैम) के एक कार्यक्रम में शशांक प्रिय ने कहा कि भविष्य में कर अधिकारी नए करदाताओं पर उनके जोखिम ‘प्रोफाइल’ के आधार पर कुछ पाबंदियां भी लगा पाएंगे।उन्होंने कहा कि वे एक महीने में कितने ‘बिल’ जारी कर सकते हैं, हम भविष्य में उस पर भी कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं... हम इस प्रणाली के दुरुपयोग से बेहद दुखी हैं। हमें इन्हें रोकने के लिए सभी संभव तरीकों का इस्तेमाल करना होगा।
सीबीआईसी के अधिकारी ने कहा कि सरकार फर्जी जीएसटी पंजीकरण की जांच के लिए लक्षित कार्रवाई कर रही है और अधिक भौतिक सत्यापन हो रहा है।फर्जी पंजीकरण के खिलाफ 16 अगस्त से शुरू हुआ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा।उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों ने 67,970 जीएसटीआईएन (माल एवं सेवा कर पहचान संख्या) की पहचान की है। इनमें से 59 प्रतिशत जीएसटीआईएन या 39,965 का सत्यापन 22 सितंबर तक हो चुका है।
27 संस्थान अस्तित्व में नहीं
प्रिय ने बताया कि 27 प्रतिशत ऐसे संस्थान पाए गए हैं जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यह प्रतिशत पिछले अभियान की तुलना में करीब समान है। हमने 10,179 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है। 2,994 करोड़ रुपये की इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) को रोका गया है। साथ ही 28 करोड़ रुपये की वसूली भी की गई है (22 सितंबर तक दूसरे अभियान में)।फर्जी पंजीकरण के खिलाफ पहला अभियान 16 मई से 15 जुलाई, 2023 के बीच चलाया गया था। इसमें जीएसटी पंजीकरण वाली कुल 21,791 ऐसी इकाइयां पाई गईं थीं जो अस्तित्व में नहीं थीं। पिछले साल पहले विशेष अभियान में 24,010 करोड़ रुपये की संदिग्ध कर चोरी का पता चला था।उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था में बेमेल आंकड़ों की समस्या है, जिसके कारण पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में कर अधिकारियों द्वारा 1,12,852 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।उन्होंने साथ ही कहा कि भविष्य में जब जीएसटीआर-1ए और ‘इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम’ (आईएमएस) स्थिर हो जाएंगे तो जीएसटीआर-3बी को संपादित करने की सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी।
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