Budget 2024: MSME के लिए सरकार लेट पेमेंट का बदल सकती है नियम, बजट में ऐलान की उम्मीद

Budget 2024, MSME late Payment: एमएसएमई को डर है कि मौजूदा नियम के कारण बड़ी कंपनियां उन्हें नजरअंदाज कर सकती हैं। जिससे उनके कारोबार पर सीधा असर होगा।

बजट में एसएमई को मिलेगा बूस्ट

Budget 2024, MSME late Payment:सरकार वस्तुओं व सेवाओं की खरीद के 45 दिन के भीतर एमएसएमई को भुगतान करने की आवश्यकता में ढील दे सकती है। इसके लिए बड़ी कंपनियों को टैक्स नियमों में छूट मिल सकती है। असल में सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में देश में एमएसएमई को होने वाली लेट पेमेंट के समाधान को रोकने लिए इनकम टैक्स की धारा 43बी के अंतर्गत एक नया सेक्शन जोड़ा था। यदि कोई बड़ी कंपनी किसी एमएसएमई को समय पर (लिखित समझौतों के मामले में 45 दिन के भीतर) भुगतान नहीं करती है तो वह उस व्यय को अपनी कर योग्य आय से नहीं घटा सकती है। इसका असर यह हुआ था कि बड़ी कंपनियों कंपोनेंट और दूसरी जरूरतों के लिए एमएसएमई से दूरी बना रही थीं।

बजट में मिल सकती है राहत

सूत्रों ने बताया कि बजट पूर्व विचार-विमर्श के दौरान सूक्ष्म, लघु व मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 43बी(एच) में बदलाव के संबंध में दिए गए सुझावों पर सरकार विचार कर रही है।सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में देश में एमएसएमई के समक्ष विलंबित भुगतान की चुनौती के समाधान के लिए आयकर अधिनियम की धारा 43बी के अंतर्गत एक नया सेक्शन जोड़ा था।
वित्त अधिनियम 2023 के जरिये जारी आयकर अधिनियम की धारा 43बी(एच) के अनुसार, यदि कोई बड़ी कंपनी किसी एमएसएमई को समय पर (लिखित समझौतों के मामले में 45 दिन के भीतर) भुगतान नहीं करती है तो वह उस व्यय को अपनी कर योग्य आय से नहीं घटा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से कर अधिक हो सकता है।एमएसएमई को डर है कि इस प्रावधान के कारण बड़े खरीदार एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को नजरअंदाज कर सकते हैं और या तो उन एमएसएमई (जो उद्यम के साथ पंजीकृत नहीं हैं) या गैर-एमएसएमई से खरीदारी शुरू कर सकते हैं।
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