Bullet Train Update: फाइनल हुआ बुलेट ट्रेन का डिजाइन, जानिए क्या-क्या होंगे बदलाव!
Bullet Train Design: मुंबई-अहमदाबाद रूट पर देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए भारत और जापान के बीच हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन के डिजाइन को लेकर चल रहे मतभेदों को सुलझा लिया गया है। इन बदलावों के साथ डिजाइन की औपचारिक मुहर लगने की उम्मीद है।
भारत-जापान के बीच बुलेट ट्रेन का डिजाइन फाइनल हो गया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर-Canva)
Bullet Train Design: भारत और जापान ने मुंबई-अहमदाबाद रूट पर आगामी हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन के डिजाइन संबंधी मतभेदों को सुलझा लिया है। बिजनेसलाइन के मुताबिक सीनियर अधिकारियों ने बताया कि भारत और जापान ने मुंबई-अहमदाबाद रूट पर आने वाली हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन के बारे में डिजाइन संबंधी मतभेदों को सुलझा लिया है। डिजाइन में किए गए बदलावों को जल्द ही औपचारिक रूप से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
बुलेट ट्रेन ये बदलाव संभव
डिजाइन में किए गए इस बदलाव से भारत में इन हाई स्पीड ट्रेनों की भार वहन क्षमता बेहतर होगी। जिसमें ज्यादा सामान ले जाने की क्षमता, भारतीय लोगों के जेनेटिक्स अन्य दुबली-पतली एशियाई लोगों के शरीर की तुलना में ज्यादा भारी भरकम है। देश में अत्यधिक तापमान पर चलने की क्षमता जैसे कि 50 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा गर्मी और जापान की तुलना में ज्यादा धूल भरी परिस्थितियां शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि सीटिंग व्यवस्था में कुछ बदलाव भी हो सकता है, शायद वहां चलने वाली वास्तविक सीटों से दो सीटें कम हों।
केंद्र, गुजरात, महाराष्ट्र का ज्वाइंट वेंचर
भारत की 1,08,000 करोड़ की मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) प्रोजेक्ट जिसे दिसंबर 2015 में कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार और गुजरात और महाराष्ट्र राज्य की सरकारों का एक ज्वाइंट वेंचर है। इसे एक स्पेशन परपस वाहन (SPV), नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के जरिये क्रियान्वित किया जा रहा है। SPV में केंद्र की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र राज्य सरकारों की 25-25 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स लागत
प्रोजेक्ट्स की लागत का करीब 81 प्रतिशत जापान सरकार द्वारा जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के जरिये सॉफ्ट लोन के माध्यम से फंड दिया जा रहा है। MAHSR को JICA लोन 0.1 प्रतिशत ब्याज दर पर 50 साल की अवधि के लिए और 15 साल की मोहलत के साथ है। इस प्रकार NHSRCL के सूत्रों के अनुसार लोन चुकौती 35 वर्षों में की जाएगी।
इतने समय में तय करेगी दूरी
टर्मिनल स्टेशनों BKC और साबरमती के अलावा हाई स्पीड ट्रेन करीब 300 किमी की गति से दो घंटे और सात मिनट में 500 किमी से अधिक की दूरी तय करेगी। अन्य स्टेशनों में ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा और आनंद शामिल हैं। मामले से अवगत एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि जापान में शासन परिवर्तन के कारण बुलेट ट्रेन रीडिजाइन चर्चा शुरू करने में कुछ समय लगा।
भारत की परिस्थितियों के अनुरूप डिजाइन में बदलाव
दूसरे अधिकारी ने कहा कि हां, हमने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स में भारत की परिस्थितियों के अनुरूप डिजाइन में बदलाव की मांग की है। बदलावों को मंजूरी दे दी गई है। आने वाले हफ्तों में औपचारिक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। लागत में वृद्धि रीडिजाइन और अन्य कारकों के कारण को न्यूनतम रखने के लिए भी चर्चा हुई है।
ये जापानी कंपनी कर रही हैं काम
दो जापानी कंपनियां, कावासाकी (Kawasaki) और हिताची (Hitachi) इस कॉरिडोर पर हाई स्पीड ट्रेनों के विकास, निर्माण और आपूर्ति की दिशा में काम कर रही हैं। प्रारंभिक JICA लोन समझौते की शर्तों के मुताबिक बुलेट ट्रेन कम से कम एक बैच जापानी निर्माताओं से प्राप्त की जानी है।
स्वदेशी हाई-स्पीड ट्रेनों भी बनेंगी
स्वदेशी संस्करण भारत भी स्वदेशी हाई-स्पीड ट्रेनों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिन्हें मौजूदा वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर बनाया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को एक बुलेट ट्रेन बनाने के लिए कहा है जिसकी अधिकतम गति करीब 250-280 किमी प्रति घंटा हो सकती है। रेलवे उत्पादन यूनिट ने इन ट्रेनों को बनाने के लिए BEML को 866.87 करोड़ रुपये में कॉन्ट्रैक्ट दिया है। कुल कॉन्ट्रैक्ट मूल्य में डिजाइन लागत, एकमुश्त विकास लागत, गैर-आवर्ती शुल्क, फिक्स्चर, टूलींग और परीक्षण सुविधाओं के लिए एकमुश्त लागत शामिल है।
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रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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