Mutual Fund:छोटे शहर म्युचुअल फंड के नए बादशाह, जानें हर आदमी कितना कर रहा निवेश

Mutual Fund Investment: छोटे शहरों में रिटेल निवेशकों के निवेश का औसत साइज 1.13 लाख रुपये है, जबकि बड़े शहरों में रिटेल निवेशकों के निवेश का औसत साइज 2.04 लाख रुपये है। म्यूचुअल फंड्स के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में छोटे शहरों की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत पहुंच गई है।

Mutual Fund Investment:म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में छोटे शहरों से आने वाले निवेशकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। 2024 में अप्रैल से अगस्त की अवधि में 2.3 करोड़ नए इवेस्टर फोलियो जुड़े हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा छोटे शहरों से थे। जीरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट में बताया गया कि छोटे शहरों में नए इन्वेस्ट फोलियो की संख्या में मासिक आधार पर बढ़ोतरी हो रही है। यह दिखाता है कि बचत और निवेश का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है और इससे लंबी अवधि में इंडस्ट्री को फायदा होगा।रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अब तक म्यूचुअल फंड्स के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में छोटे शहरों की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत है, जो इस ओर इशारा करता है कि इन इलाकों से निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड की तरफ बढ़ रहा है।

औसतन कितना निवेश

बड़े शहरी इलाकों के मुकाबले छोटो इलाकों में औसत निवेश का आकार छोटा है। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि छोटे शहरों में रिटेल निवेशकों के निवेश का औसत साइज 1.13 लाख रुपये है, जबकि (टी30+बी30) शहरों में रिटेल निवेशकों के निवेश का औसत साइज 2.04 लाख रुपये है।इन छोटे शहरों को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से बी-30 शहर के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें शीर्ष 30 शहरों के बाद के इलाके को शामिल है।रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगस्त 2024 में सभी एसआईपी खातों में 54 प्रतिशत छोटे शहरों से थे। छोटे शहरों में बड़ी संख्या में एसआईपी खाते होना दिखाता है कि इन इलाकों में म्यूचुअल फंड्स को लेकर रुझान बढ़ रहा है।

कहां ज्यादा निवेश

अप्रैल से अगस्त 2024 की अवधि में छोटे शहरों में इंडेक्स फंड में एसआईपी के लिए खुले खातों में 18.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो कि इंडस्ट्री की किसी अन्य कैटेगरी के मुकाबले काफी ज्यादा है। छोटे शहरों में बाकी के 79 प्रतिशत खाते ग्रोथ और इक्विटी से जुड़ी स्कीमों में खुले थे।जीरोधा फंड हाउस के सीईओ विशाल जैन ने कहा कि हम विश्वास करते हैं कि आसान, पारदर्शी और किफायती निवेश उत्पाद निवेशकों को अच्छे वित्तीय फैसले लेने में मदद करता है। इंडेक्स आधारित फंड्स में यह सभी खासियत हैं और मुझे यह जानते हुए काफी खुशी हो रही है कि छोटे शहरों और कस्बों में यह ट्रेंड बढ़ रहा है।"

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