Finance Bill:म्युचुअल फंड में लगा रखे हैं पैसे,आ रहा है नया नियम,सीधे आपकी जेब पर होगा असर
Debt Mutual Fund:सरकार बैंक एफडी और डेट फंड म्यूचुअल फंड को एक स्तर पर लाना चाहती है। डेट म्युचुअल फंड फिक्स डिपॉजिट की तरह ही होते हैं। इसमें निवेशकों का पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे कि सरकारी प्रतिभूतियों, करपोरेट बॉन्ड, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजट और आदि में निवेश किया जाता है।

म्युचुअल फंड की कमाई पर लगेगा टैक्स !
अभी डेट म्युचुअल फंड से होने वाले लाभ को 3 साल बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाता है। लेकिन नए नियम के बाद यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाएगा। और निवेशकों को डेट म्युचुअल फंड से होने वाली कमाई टैक्स के दायरे में आ जाएगी। साथ ही उसे इंडेक्सेशन के जरिए महंगाई के असर से बचने वाले टैक्स का भी फायदा नहीं मिलेगा।
क्या होते है डेट म्युचुअल फंड
असल में सरकार इस कदम के जरिए बैंक एफडी और डेट फंड म्यूचुअल फंड को एक स्तर पर लाना चाहती है। डेट म्युचुअल फंड फिक्स डिपॉजिट की तरह ही होते हैं। इसमें निवेशकों का पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे कि सरकारी प्रतिभूतियों, करपोरेट बॉन्ड, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजट और आदि में निवेश किया जाता है। डेट फंड उन निवेशकों की पसंद होता है जो बाजार के जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न के लिए निवेश करते है। चूंकि डेट म्युचुअल फंड के लिए सरकारी प्रतिभूतियों, बांड आदि में पैसा लगता है, इसलिए शेयर बाजार के दूसरे निवेशों की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। हालांकि इसमें रिटर्न काफी स्थिर होता है। इसमें एसआईपी और दूसरे म्युचुअल फंड की तरह रिटर्न में उतार-चढ़ाव नहीं होता है।
नए नियम के बाद ऐसे लगेगा टैक्स
अगर डेट म्युचुअल फंड पर नया नियम लागू हो जाता है। तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के नियम लागू होंगे। और ऐसी स्थिति में निवेशकों को उससे होने वाली कमाई पर टैक्स देना होगा। यानी अगर कोई व्यक्ति अभी 10 लाख रुपये सालाना कमाता है। और उसे डेट म्युचुअल फंड से एक लाख रुपये की कमाई हुई है, तो उसकी टैक्सेबल इनकम का कैलकुलेशन अब 10 लाख की जगह 11 लाख पर होगा। और उस स्थिति में उसकी टैक्स देनदारी जयादा बनेगी। जो कि 30 फीसदी टैक्स तक हो सकती है।
टैक्सेबल इनकम | डेट म्युचुअल फंड से कमाई | टैक्स कैलकुलेशन | नए नियम में टैक्स कैलकुलेशन | नुकसान | असर |
10 लाख रुपये सालाना | 1 लाख रुपये | 3 साल बाद पैसा निकालने पर 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और इंडेक्सेशन (महंगाई के असर को कम करना) का फायदा | 3 साल बाद पैसा निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स | कैपिटन गेन और इंडेक्सेशन का फायदा नहीं। | ज्यादा टैक्स देनदारी |
अभी क्या है नियम
अभी डेट म्युचुअल फंड पर दो तरह से टैक्स कैलकुलेशन किया जाता है। पहला तो यह है कि अगर किसी निवेशक ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश से कमाई की है और उसने तीन साल से पहले रिटर्न के साथ पैसा निकाल लिया तो उसके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। यानी रिटर्न को कमाई माना जाता है उस पर इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स लगता है।
लेकिन अगर कोई निवेशक 3 साल बाद अपने पैसे निकालता है, तो उसे 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ता है। जिसमें इंडेक्सेशन भी शामिल होता है। इंडेक्सेशन के जरिए निवेश पर महंगाई के असर को शामिल कर रिटर्न का कैलकुलेशन होता है। जिससे निवेशक पर कम टैक्स देनदारी बनती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

पाकिस्तान का कर्ज मार्च 2025 तक बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये पर

इंदौर का बेटा बना युवाओं का रोल मॉडल, भारत में पॉडकास्टिंग पर करता है राज, कमा लिए 91 करोड़!

Pi Network Coin Price Today in India, 09 June 2025: क्या है पाई कॉइन की ताजा कीमत, 2030 तक बिटकॉइन से निकल जाएगा आगे?

Digital Form 16: ITR ई-फाइलिंग के लिए कैसे करें फॉर्म 16 डाउनलोड, जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

State Bank of India: एसबीआई ने खोला सरकार के लिए खजाना, वित्त वर्ष 2024-25 में दिया 8,077 करोड़ रुपए का डिविडेंड
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited