नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम की सलाह पर लोग बंटे, जानें दुनिया में सबसे ज्यादा कहां काम करते हैं लोग
Narayan Murthy Says 70 Hours Working And Debate: इंफोसिस के सीएफओ मोहनदास पई के साथ ‘3वन4’ कैपिटल के पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के उद्घाटन एपिसोड में बातचीत के दौरान मूर्ति ने कहा कि युवाओं को अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अतिरिक्त घंटे काम करना चाहिए।उन्होंने भारत की तुलना चीन, जापान और जर्मनी से करते हुए कहा कि भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया में सबसे कम उत्पादक देशों में एक है।
विकसित देश बनाने के लिए छिड़ी नई बहस
Narayan Murthy Says 70 Hours Working And Debate: इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति के काम करने के घंटे को लेकर दिए गए बयान के बाद देश में बहस छिड़ गई है। मूर्ति ने कहा कि देश की उत्पादकता बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए जिसे लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ में लोग बंटे नजर आ रहे हैं। इसमें कॉरपोरेट जगत से लेकर आम लोग भी अपनी राय रख रहे हैं। असल में इस समय दुनिया में कही भी 70 घंटे काम नहीं किया जा रहा है। अगर दुनिया का औसत देखा जाय तो वह सप्ताह में 40-44 घंटे का है। वहीं सबसे ज्यादा वर्किंग घंटे Mauritania में 54 घंटे हैं। इसके बाद मिस्र में 53, गांबिया में 51 और कतर में 50 घंटे हैं। जबकि भारत में यह 48 घंटे है। फिर सवाल उठता है कि मूर्ति ने ऐसा क्यों कहा..संबंधित खबरें
क्यों बोले नारायण मूर्ति
इंफोसिस के सीएफओ मोहनदास पई के साथ ‘3वन4’ कैपिटल के पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के उद्घाटन एपिसोड में बातचीत के दौरान मूर्ति ने कहा कि युवाओं को अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अतिरिक्त घंटे काम करना चाहिए।उन्होंने भारत की तुलना चीन, जापान और जर्मनी से करते हुए कहा कि भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया में सबसे कम उत्पादक देशों में एक है। जब तक हम अपनी कार्य उत्पादकता में सुधार नहीं करते... हम उन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे जिन्होंने बहुत अधिक प्रगति की है। इसलिए, मेरा अनुरोध है कि हमारे युवाओं को कहना चाहिए, ‘यह मेरा देश है। मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहूंगा।’संबंधित खबरें
लोगों ने क्या कहा
मूर्ति की टिप्पणियों की कुछ लोगों ने ‘अधिक काम करने की संस्कृति’ को बढ़ावा देने वाली करार देकर आलोचना की जबकि कुछ अन्य लोगों ने युवाओं को काम करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश के लिए उनकी प्रशंसा की।भारतीय हास्य कलाकार और अभिनेता वीर दास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि जीवन कठिन है। आप एक लड़की से मिलते हैं, प्यार में पड़ जाते हैं, शादी कर लेते हैं। उसके पिता चाहते हैं कि आप सप्ताह में 70 घंटे काम करें। आप इतनी मेहनत नहीं कर सकते, आप बस आराम करना चाहते हैं और इंग्लैंड चलाओ।संबंधित खबरें
एक अन्य ‘एक्स’यूजर ने कहा कि अधिक काम से उन्हें तनाव और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हुईं। उसने कहा कि 38 साल की उम्र में ज्यादा काम करने से मुझे दिल का दौरा पड़ा और जीवन भर दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ा! कृपया इन लोगों की बात न सुनें, खून चूसने वाली जोंकें ऊंची कुर्सियों पर बैठकर व्याख्यान देती हैं।संबंधित खबरें
कॉरपोरेट दिग्गजों ने किया सपोर्ट
मूर्ति के बयान का कई लोगों ने समर्थन भी किया है और कहा है कि यह भारत को आगे ले जाने के प्रति समर्पण को दर्शाता है।जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा कि मैं नारायण मूर्ति के बयान का दिल से समर्थन करता हूं। यह थकावट के बारे में नहीं है, यह समर्पण के बारे में है। हमें भारत को 2047 में एक आर्थिक महाशक्ति बनाना है जिस पर हम सब गर्व कर सकें। पांच दिवसीय सप्ताह की संस्कृति वह नहीं है जो हमारे आकार के तेजी से विकासशील देश को चाहिए।ओला कैब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भाविश अग्रवाल ने भी ‘एक्स’पर समर्थन में पोस्ट किया कि माननीय मूर्ति के विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। यह हमारा समय नहीं है कि कम काम करे और अपना मनोरंजन करें। बल्कि यह हमारा वह पल है जब हम सब कुछ करें और एक ही पीढ़ी में वह बनाएं जो अन्य देशों ने कई पीढ़ियों में बनाया है।संबंधित खबरें
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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