PM Modi Interview: महंगाई पर मोदी ने याद दिलाए नेहरू-इंदिरा के दिन, जानें क्या करने को कहा

PM Modi Exclusive Interview: लोकसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत की। इस दौरान टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार और टाइम्स नाउ नवभारत के कंसल्टिंग ए़डिटर सुशांत सिन्हा ने पीएम से महंगाई पर सवाल किये तो उन्होंने नेहरू-इंदिरा के दिन याद दिलाते हुए कहा कि दुनिया में हो रहे युद्ध का असर महंगाई पर पड़ता है।

PM Modi Exclusive Interview

पीएम मोदी का इंटरव्यू

PM Modi Exclusive Interview: लोकसभा चुनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टाइम्स नाउ नवभारत ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस दौरान टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार और टाइम्स नाउ नवभारत के कंसल्टिंग ए़डिटर सुशांत सिन्हा ने पीएम से कई सवाल किये। जब देश में बढ़ती महंगाई को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होंने पिछली सरकार से महंगाई की तुलना करते हुए कहा कि 2014 के पहले कितनी महंगाई थी। आज युद्ध का समय है। इसका असर महंगाई पर पड़ता है। उन्होंने पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के दिनों को याद दिलाई।

महंगाई पर नेहरू और इंदिरा के काल की दिलाई याद

महंगाई के सवाल पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय देश में कितनी महंगाई थी और मोदी के राज में कितनी महंगाई है। 2014 के पहले कितनी महंगाई थी और आज तो युद्ध का समय है और आप हैरान हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि लाल किले पर से पंडित नेहरू का भाषण है आपको वो ऑडियो और वीडियो दोनों मिलेगा। सुनिए उस समय नेहरू ने महंगाई को लेकर क्या कहा था। आपको इस पर पाठशाला जैसा कार्यक्रम करना चाहिए।

यूक्रेन-रूस जैसे से लड़ाई का असर मूलभूत चीजों पर

पीएम मोदी ने कहा कि उस भाषण में वो कहते हैं कि महंगाई इसलिए बढ़ी है क्योंकि नॉर्थ कोरिया में लड़ाई चल रही है। नॉर्थ कोरिया में जब लड़ाई हुई थी तब तो इतना ग्लोबलाइजेशन नहीं था और नेहरू जी को महंगाई मारती थी। अभी तो यूक्रेन-रूस जैसी लड़ाई का दुनिया पर सीधा प्रभाव है। इससे कुछ चीजें हैं, जैसे फूड, फर्टिलाइजर एंड फ्यूल तीनों पर इस लड़ाई का प्रभाव है और तीनों महंगाई बढ़ने की मूलभूत चीजें हैं।

झुग्गी-झोपड़ी में जाकर खोले गए जनधन अकाउंट

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा काम का स्टाइल इंटीग्रेटेड और कॉम्प्रिहेंसिव है। टुकड़ों में नहीं होता है लेकिन मैं जब उसको बाहर लाता हूं तो वो प्रोग्रेसिव अनफोल्डमेंट होता है। उन्होंने कहा कि मुझे याद है 2014 में मैं नया-नया आया और जनधन अकाउंट से मैंने शुरू किया तो हमारे अरुण जेटली बड़े परेशान हो गए क्योंकि वे हर तीसरे दिन मॉनिटरिंग करने लगे कि कितने बैंकों ने किया। बैंक वाले झुग्गी झोपड़ी में जाते हैं कि नहीं। बैंक वाले रेहड़ी पटरी वालों के पास जाते हैं कि नहीं। आपने क्या ऑर्डर कर दिया है। मैंने कहा कि मुझे ये सौ दिन में काम पूरा करना है लेकिन तब दुनिया को लग रहा था जनधन अकाउंट खोल रहा है। बैंक वाले मेरे से झगड़ा कर रहे थे कि सर स्टेशनरी का पैसा तो लें। मैंने कहा कुछ नहीं मिलेगा। जीरो अमाउंट से अकाउंट खुलेगा। तब लोगों को आश्चर्य होता था।

कोरोना के समय ताकत बना जनधन अकाउंट

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वही जनधन अकाउंट कोरोना के समय कितनी बड़ी ताकत बन गया, वो ही जनधन अकाउंट फिर मैंने उसको आधार से जोड़ा। फिर मैं उसको मोबाइल से जोड़ा, फिर मैंने उसको डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से जोड़ा। 36 लाख करोड़ रुपया डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हो रहा है। फिर मनरेगा से जोड़ा। जब बैंक के खाता खेला जा रहा था तो दुनिया को तो लगा दुनिया का सबसे बड़ा फाइनेंशियल इनक्लूजन है उनकी गाड़ी यहीं अटक जाती है। मोदी की तो वहीं से शुरू होती है।

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