Modi Government : आम चुनावों से पहले जमकर खर्च करेगी मोदी सरकार, जानें क्या बनाया प्लान

Modi Government Expenditure: जनवरी-मार्च के दौरान 500 करोड़ रुपये से अधिक के सार्वजनिक खर्च से जुड़े नियमों में ढील दी गई है। सरकार की रणनीति साफ है चालू वित्त वर्ष खत्म होते-होते सार्वजनिक खर्च को बढ़ावा दिया जाय। जिसका ज्यादा से ज्यादा फायदा अर्थव्यवस्था को मिले।

MODI EXPENDITURE

मोदी सरकार बढ़ाएगी खर्च

Modi Government Expenditure: सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 500 करोड़ रुपये से अधिक के सार्वजनिक खर्च से जुड़े नियमों में ढील दी है। ये सारे खर्च जनवरी से मार्च के दौरान किए जाएंगे। इस पहल का मकसद सार्वजनिक खर्च को बढ़ावा देना है। सरकार का यह कदम ऐसे समय हो रहा है, जब आम चुनाव बेहद नजदीक आ चुके हैं और वह अप्रैल-माई में संपन्न हो सकते हैं। ऐसे में सरकार की रणनीति साफ है चालू वित्त वर्ष खत्म होते-होते सार्वजनिक खर्च को बढ़ावा दिया जाय। जिसका ज्यादा से ज्यादा फायदा अर्थव्यवस्था को मिले।

इन शर्तों के साथ होगा खर्च
जनवरी-मार्च के दौरान 500 करोड़ रुपये से अधिक के सार्वजनिक खर्च से जुड़े नियमों में ढील दी गई है। वित्त मंत्रालय ने इस संदर्भ में पिछले सप्ताह कार्यालय ज्ञापन के जरिये निर्देश जारी किया।ज्ञापन के अनुसार, छूट का मकसद सार्वजनिक व्यय को बढ़ावा देना है।यह छूट व्यय विभाग की तरफ से जारी एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) यानी केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के जरिए किया जाएगा।
ज्ञापन में कहा गया है कि वित्तीय सलाहकार यह सुनिश्चित करने के लिए जारी राशि की निगरानी करेंगे कि किसी भी स्तर पर धन को निष्क्रिय आधार पर न रखा जाए और धन सही समय पर जारी किया जाए।वित्त मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का पूंजीगत व्यय बजट में तय लक्ष्य का लगभग 52 प्रतिशत यानी 3.79 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।यह पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में केंद्रीय लोक उपक्रमों के पूंजीगत व्यय से अधिक है।

खर्च से लोगों को फायदा
पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह आंकड़ा 2.85 लाख करोड़ रुपये या 2022-23 वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 43 प्रतिशत था।केंद्रीय लोक उपक्रमों का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2022-23 में 6.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था। ऐसे में ज्यादा खर्च करने से इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी। और उसका फायदा नए रोजगार से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर सेवाओं तक में मिलेगा।
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