Go First की दिवालिया प्रोसेस पर NCLAT की मुहर, लीज कंपनियों को ऐसे लगा झटका
एनसीएलएटी ने गो फर्स्ट की दिवालिया प्रोसेस के मामले में एनसीएलटी को फैसला को बरकरार रखा। इस फैसले को उन कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है, जिन्होंने गो फर्स्ट को लीज पर एयरक्राफ्ट दिए हैं और वे अपने एयरक्राफ्ट को फिर से वापस पाना चाहती थीं।
गो फर्स्ट दिवालिया प्रोसेस
मुख्य बातें
- एनसीएलएटी ने गो फर्स्ट की दिवालिया प्रोसेस पर लगाई मुहर
- एनसीएलटी के फैसले को रखा बरकरार
- इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस के साथ प्रोसीड करने को मंजूरी
Go First Insolvency : नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (National Company Law Appellate Tribunal) या एनसीएलएटी (NCLAT) ने सोमवार को फाइनेंशियल संकट से गुजर रही एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी (Insolvency) की कार्यवाही को हरी झंडी दिखा दी है। एनसीएलएटी ने गो फर्स्ट की दिवालिया प्रोसेस के मामले में एनसीएलटी (NCLT) को फैसला को बरकरार रखा। इस फैसले को उन कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है, जिन्होंने गो फर्स्ट को लीज पर एयरक्राफ्ट दिए हैं और वे अपने एयरक्राफ्ट को फिर से वापस पाना चाहती थीं।
इन कंपनियों ने दिए हैं प्लान
गो फर्स्ट को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों में एसएमबीसी एविएशन कैपिटल (SMBC Aviation Capital) और सीडीबी एविशन (CDB Aviation) की जीवाई एविएशन लीजिंग (GY Aviation Leasing) शामिल हैं।
एनसीएलटी के 10 मई के आदेश को बरकरार रखते हुए, एनसीएलएटी ने लीज पर एयरक्राइफ्ट देने वाली कंपनियों की याचिका को रद्द कर दिया और उन्हें एनसीएलटी के पास याचिका दायर करने को कहा है। बता दें कि आईआरपी (Interim Resolution Professional) को इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस के साथ प्रोसीड करने की अनुमति है।
क्यों हुई हालत खराब
गो फर्स्ट एक लो-कॉस्ट कैरियर है, जिसका नाम कुछ समय पहले ही गो फर्स्ट किया गया है। इस साल एयरलाइन के सामने फाइनेंशियल संकट आ गया। इसके पीछे कंपनी ने "फॉल्टी" प्रैट एंड व्हिटनी इंजन को दोष दिया, जिसके चलते कंपनी को 54 एयरबस ए320नियोस (Airbus A320neos) में से लगभग आधे जहाज जमीन पर खड़े करने पड़े।
नहीं ले रही बुकिंग
एयरलाइन, जिसकी मार्च में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े विमानन बाजार यानी भारत में 7 फीसदी बाजार हिस्सेदारी थी, ने वर्तमान में सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया है और नई बुकिंग भी नहीं ले रही है।
जानिए बाकी अहम डिटेल
बैंकरप्सी प्रोटेक्शन देने में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट की एसेट्स और लीज पर मोराटोरियम का आदेश दिया और तत्काल प्रभाव से मैनेजमेंट संभालने के लिए अल्वारेज़ एंड मार्शल (Alvarez & Marsal) के अभिलाष लाल (Abhilash Lal) को अंतरिम समाधान पेशेवर (Interim Resolution Professional) के रूप में नियुक्त किया।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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