Go First Liquidation: NCLT ने दिया गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का आदेश, संपत्ति बेचकर चुकाया जाएगा लेनदारों का कर्ज

Go First Liquidation: राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का आदेश दिया, जिससे बजट एयरलाइन के खिलाफ 20 महीने से चल रही दिवालिया कार्यवाही समाप्त हो गई।

Go First Liquidation

गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का ऑर्डर

मुख्य बातें
  • गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का ऑर्डर
  • NCLT ने जारी किया ऑर्डर
  • बिकेगी सारी संपत्ति

Go First Liquidation: राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का आदेश दिया, जिससे बजट एयरलाइन के खिलाफ 20 महीने से चल रही दिवालिया कार्यवाही समाप्त हो गई। गो फर्स्ट एयरवेज के लिक्विडेशन का मतलब है एयरलाइन की संपत्तियों को बेचकर उसके कर्ज का भुगतान किया जाएगा और फिर कंपनी को भंग किया जाएगा। गो फर्स्ट एयरवेज के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने एनसीएलटी से एयरलाइन को समाप्त करने का अनुरोध किया था।

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कब शुरू हुई दिवालिया प्रोसेस

कर्ज में डूबी गो फर्स्ट मई 2023 में दिवालिया अदालत में पहुंची। उस समय एयरलाइन के पास भारत के विमानन क्षेत्र में 6.9% बाजार हिस्सेदारी थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा पट्टेदारों को 54 विमानों के अपने बेड़े को वापस लेने की अनुमति देने के बाद उसके पास कोई व्यवहार्य संपत्ति नहीं बची थी।

26 अप्रैल के अपने आदेश में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को कई पट्टेदारों की याचिका के बाद एयरलाइन के सभी पट्टे पर दिए गए विमानों का पंजीकरण रद्द करने का आदेश दिया, जिन्होंने अपनी संपत्ति वापस लेने की मांग की थी।

नहीं बचे विमान

इस आदेश के बाद एयरलाइन के पास विमान नहीं रह गए, जिसके कारण इच्छुक खरीदार, स्पाइसजेट के अजय सिंह और ईजमाईट्रिप के निशांत पिट्टी के एक ग्रुप को अपनी बोली वापस लेनी पड़ी। गो फर्स्ट का फाइनेंशियल संकट तब शुरू हुआ जब इसके पूर्व प्रमोटर वाडिया ग्रुप ने प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन प्राप्त करने में देरी का हवाला देते हुए स्वैच्छिक दिवालिया के लिए आवेदन किया।

गो फर्स्ट भारत की दिवालिया प्रोसेस के तहत समाप्त होने जा रही दूसरी प्रमुख एयरलाइन होगी। इससे पहले जेट एयरवेज के साथ यही हुआ। सर्वोच्च न्यायालय ने नवंबर 2024 में जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया था, क्योंकि इसकी समाधान योजना अव्यवहारिक पाई गई थी।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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