Byju's Crisis: बायूज पर एक और संकट, NCLT ने कहा-राइट इश्यू को बंद करने की तारीख बढ़ाएं
Byju's Crisis: असल में एडुटेक कंपनी बायजू के निवेशकों ने फाउंडर बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को कंपनी से हटाने के लिए ईजीएम बुलाई थी। जिसके फैसले के बाद रवींद्र ने खुद को CEO पद से हटाए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स को फेक बताया था। उन्होंने कर्मचारियों को लिखे एक लेटर में कहा कि वह CEO हैं और इस पद पर बने रहेंगे।
बायजू पर संकट
Byju's Crisis:एनसीएलटी ने संकट में घिरी शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू से 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के राइट इश्यू को बंद करने की तारीख बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।दूसरी ओर बायजू प्रबंधन ने संकेत दिया है कि वह इस अनुरोध को स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, कंपनी के असंतुष्ट चल रहे निवेशकों ने निर्गम को बुधवार को बंद होने से रोकने के लिए कई तकनीकी दिक्कतें बताईं थीं।राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने 27 फरवरी के एक अंतरिम आदेश में कहा कि राइट इश्यू से कंपनी को मिलने वाली धनराशि को एक ‘एस्क्रो’ (विशेष) खाते में रखना चाहिए और मामला खत्म होने तक इसे निकालना नहीं चाहिए।मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी।कंपनी के करीबी सूत्रों ने कहा कि राइट इश्यू बंद करने की बुधवार की समयसीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।संबंधित खबरें
क्या है मामला
असल में एडुटेक कंपनी बायजू (Byju's) के निवेशकों ने फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran)और उनके परिवार को कंपनी से हटाने के लिए ईजीएम बुलाई थी। जिसके फैसले के बाद रवींद्र ने खुद को CEO पद से हटाए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स को फेक बताया था। उन्होंने कर्मचारियों को लिखे एक लेटर में कहा कि वह CEO हैं और इस पद पर बने रहेंगे। कंपनी के मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने शुक्रवार को हुई EGM को तमाशा बताया। कंपनी के शेयरहोल्डर्स द्वारा बुलाई गई ईजीएम के बाद बायजू रवींद्रन को पद और बोर्ड से हटाने का ऐलान किया गया था। इस मीटिंग में बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्य शामिल नहीं हुए थे।संबंधित खबरें
रवींद्रन ने कहा कि ईजीएम में कई नियमों को तोड़ गया
रवींद्रन ने कहा कि यह ईजीएम कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन द्वारा निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना बुलाई गई थी। इसलिए मीटिंग में जो भी फैसला हुआ, वह वैलिड नहीं होगा। अफवाहें बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हैं। ईजीएम में कई सारे नियमों को तोड़ा गया। उन्होंने लिखा कि जिस तरह आप सभी खिलाड़ियों की सहमति के बिना खेल के नियमों को बीच में नहीं बदल सकते, ठीक उसी तरह हम नियमों का पालन किए बिना कंपनी को चलाने के तौर-तरीकों में बदलाव नहीं कर सकते। इसके बाद अब एनसीएलटी का बयान आया है।संबंधित खबरें
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