Share Buyback: Buyback का नया नियम, कंपनियों के बजाय अब शेयरहोल्डर्स पर लगेगा टैक्स, 1 अक्टूबर से होगा लागू
Share Buyback New Rule: बायबैक पर टैक्स का यह तरीका अनुचित माना जाता था। इसमें टैक्स कंपनी द्वारा चुकाया जाता था, इसलिए बायबैक टैक्स का प्रभाव सभी शेयरधारकों पर पड़ता था, भले ही वे बायबैक में हिस्सा लेते हों या नहीं।
शेयर बायबैक पर नया टैक्स रूल
- Buyback का आ रहा नया नियम
- शेयरहोल्डर्स पर लगेगा टैक्स
- कंपनियों को नहीं देना होगा टैक्स
Share Buyback New Rule: शेयरों के बायबैक पर टैक्स का इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2013 से पहले शेयरधारकों के लिए शेयर बायबैक पर कैपिटल गेन्स के रूप में टैक्स लगता था। पुराने नियम में कैपिटल गेन्स की कैलकुलेशन करने के लिए खरीदारी की कॉस्ट की कटौती की अनुमति थी। मगर 2013 में डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स की शुरूआत के साथ बायबैक इश्यू में बायबैक करने वाली कंपनी पर टैक्स लगाया जाने लगा। मगर अब फिर से जुलाई 2024 के बजट में बायबैक में शेयरधारकों पर टैक्स लगाने का नियम आया है। इससे रिटेल निवेशक ऊंचे टैक्स रेट प्रभावित हो सकते हैं। आगे बारीकी से समझिए पूरा नियम।
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30 सितंबर 2024 तक बायबैक टैक्स नियम
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार सेबी के पास रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार और बचत के फाउंडर विशाल शाह के अनुसार जुलाई 2024 के बजट से पहले, शेयर बायबैक पर कंपनी पर टैक्स लगता था। अगर कोई कंपनी अपने शेयर वापस खरीदती है, तो कंपनी बायबैक पर टैक्स का भुगतान करेगी और शेयरधारकों को मिली राशि टैक्स-फ्री होगी।
इस स्थिति में लाभ निवेशकों को होता था, लेकिन टैक्स का भुगतान कंपनी करती थी। यह नियम 30 सितंबर, 2024 तक लागू है। उसके बाद नया नियम लागू होगा, जिसमें शेयरधारकों को टैक्स देना होगा।
सारे शेयरधारक प्रभावित होते
बायबैक पर टैक्स का यह तरीका अनुचित माना जाता था। इसमें टैक्स कंपनी द्वारा चुकाया जाता था, इसलिए बायबैक टैक्स का प्रभाव सभी शेयरधारकों पर पड़ता था, भले ही वे बायबैक में हिस्सा लेते हों या नहीं। टैक्स कानून में बदलाव की आवश्यकता मानी जाती थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वे शेयरधारक ही टैक्स का भुगतान करें जिन्होंने बायबैक में हिस्सा लिया।
ये हैं अहम पॉइंट्स
बायबैक से मिली किसी भी राशि को डिविडेंड माना जाता है
आयकर अधिनियम की धारा 112A के तहत, 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स छूट है
आसानी के उद्देश्य से सरचार्ज और एजुकेशन सेस को नजरअंदाज किया जाता है। उन्हें जोड़ने से टैक्स अंतर बढ़ जाएगा
1 अक्टूबर, 2024 से आएगा नया बायबैक टैक्स नियम
2024 के बजट में, नया नियम (1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी) कहता है कि शेयरधारकों को बायबैक में मिली राशि डिविडेंड का एक रूप है और ऐसी राशि पर डिविडेंड के रूप में टैक्स लगाया जाना चाहिए।
कंपनी द्वारा खरीदे गए शेयरों की खरीद लागत को कैपिटल लॉस माना जाएगा, जिसे वर्ष के दौरान किसी भी अन्य कैपिटल गेन्स के खिलाफ सेट-ऑफ किया जा सकता है और यदि वर्ष के दौरान कैपिटल गेन्स कम है, तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है यानी कैरी फॉर्वर्ड किया जा सकता है। इसे अगले 8 वर्षों में भविष्य के कैपिटल गेन्स पर कभी भी सेट-ऑफ किया जा सकता है।
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