बटाईदार किसानों के लिए आ रही नई स्कीम, किसान क्रेडिट कार्ड लोन सीमा में होगा बदलाव

Kisan Credit Card: केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन की सीमा बढ़ाने और बटाईदार किसानों के लिए आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) जैसी योजना शुरू करने के लिए तेजी से काम कर रही है।

किसानों के लिए लोन सीमा बढ़ाने पर विचार

Kisan Credit Card: केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन की सीमा बढ़ाने और बटाईदार किसानों के लिए आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) जैसी योजना शुरू करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ तेजी से काम कर रहा है। वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव एमपी तंगिराला ने पिछले महीने सीआईआई फाइनेंसिंग 3.0 शिखर सम्मेलन में कहा था कि हम किसान क्रेडिट कार्ड लोन सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं, जो तीन या चार साल पहले निर्धारित की गई थी।

मात्र 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना की स्थापना 1998 में की गई थी, जिसका प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को उनके कृषि प्रयासों के लिए पर्याप्त और समय पर लोन मिल सके। 1998 में शुरू की गई इस योजना के तहत अधिकतम 3 लाख रुपये की लोन सीमा दी जाती है। KCC खातों में बकाया लोन 9.81 लाख करोड़ रुपये है। केंद्र द्वारा समर्थित इस पहल के तहत किसानों को 2% की ब्याज सहायता तथा 3% का त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन दिया जाता है, जिससे ब्याज दर प्रभावी रूप से घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है। शुरुआत में कृषि पर केंद्रित इस योजना को बाद में 2004 में कृषि जुड़े और गैर-कृषि गतिविधियों में लगे किसानों की निवेश लोन जरुरतों को पूरा करने के लिए विस्तारित किया गया था।

बटाईदार किसानों पर फोकस

अब, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि की सफलता के बाद, केंद्र बटाईदार किसानों के लिए इसी तरह की व्यवस्था पर विचार कर रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि किसानों को सिंगल विंडो के जरिये बैंकिंग सिस्टम से समय पर और पर्याप्त लोन सहायता मिल सके। यह योजना किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं में सहायता करने के लिए लचीली और आसान प्रक्रियाएं प्रदान करती है।
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