34 महीनों बाद निगेटिव हुई थोक महंगाई दर, जानें क्या है इसका मतलब

खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई में भी गिरावट आई है। थोक महंगाई दर मार्च 2023 में 1.34 फीसदी से घट कर अप्रैल 2023 में (-) 0.92% रह गई है। इससे पहले खुदरा महंगाई अप्रैल में 18 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई थी।

थोक महंगाई दर में गिरावट

मुख्य बातें
  • थोक महंगाई में आई गिरावट
  • अप्रैल 2023 में (-) 0.92% रह गई
  • अप्रैल में खुदरा महंगाई भी घटी

Wholesale Price Index : खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई दर में भी गिरावट आई है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार होलसेल प्राइस इंडेक्स (Wholesale Price Index) या डब्लूपीआई (WPI) पर आधारित थोक महंगाई दर मार्च 2023 में 1.34 फीसदी से सालाना आधार पर घट कर अप्रैल 2023 में (-) 0.92% रह गई। ये इसके करीब 3 सालों का सबसे निचला स्तर है।

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बता दें कि थोक महंगाई का निगेटिव होना कोई बहुत स्थिति नहीं होती है, खास तौर से तब जब भारत की ग्रोथ में नरमी का दौर चल रहा है। एक तो महंगाई निगेटिव, दूसरे ग्रोथ का रेट कम होना, एक अच्छा ट्रेंड नहीं माना जाता है।

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