NHEV: 9 सितंबर को होगी तीसरे टेक ट्रायल रन की शुरुआत, पहली बार नजर आएंगे इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन वाहन

National Highway for Electric Vehicles: ​​5500 किमी ई-हाईवे का उन्नयन किया जा रहा है, जिसे NHEV द्वारा अपग्रेड किया जा रहा है। नेशनल हाईवे फॉर EV (NHEV) एक पायलट प्रोग्राम है जो भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया है। इस टेकट्रायल के बाद अपने लॉजिस्टिक उपयोग के लिए ZET वाहनों की तैनाती के लिए प्रेरित होंगे।

National Highway for Electric Vehicles: नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (NHEV) अपने तीसरे टेक ट्रायल रन की शुरुआत 9 सितंबर को वर्ल्ड EV डे पर करने जा रहा है। यह ट्रायल चेन्नई से त्रिची के 332 किमी के खंड को कवर करेगा और पहली बार इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन और जीरो उत्सर्जन मालवाहक वाहनों को शामिल करेगा, जो पहले के ट्रायल में इलेक्ट्रिक एसयूवी और बसों के साथ परीक्षण किए गए थे। इस तीसरे तकनीकी और डेटा संचालित ट्रायल का उद्देश्य लॉजिस्टिकल दृष्टिकोण से मालवाहक वाहनों और इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन और ZET वाहनों की तैनाती को शामिल करना है।

ZET वाहनों की तैनाती

5500 किमी ई-हाईवे का अपग्रडेशन किया जा रहा है, जिसे NHEV द्वारा अपग्रेड किया जा रहा है। विभिन्न निर्माण और उत्पादन क्षेत्रों, जो अपनी सतह परिवहन को डीकार्बोनाइज करके अपने ESG अनुपालन के लिए परिवर्तन की योजना बना रहे हैं, इस टेकट्रायल के बाद अपने लॉजिस्टिक उपयोग के लिए ZET वाहनों की तैनाती के लिए प्रेरित होंगे।

NHEV के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने कहा कि आज व्यवसायों के लिए अपने माल को परिवहन करने के लिए कोई हाइड्रोजन या इलेक्ट्रिक ट्रक उपलब्ध नहीं हैं, जबकि उनकी परिचालन लागत डीजल की तुलना में कम है। इस तकनीकी ट्रायल का उद्देश्य वास्तविक समय में डेटा प्राप्त करना है ताकि उनकी प्रारंभिक तैनाती को पायलट आधार पर शुरू किया जा सके, जैसा कि हमने पहले इलेक्ट्रिक बसों और एसयूवी के साथ Ease of Doing Business प्रोग्राम के तहत किया था।

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