Nirmal Singh Bhangoo: निर्मल सिंह भंगू की मौत, अब 5.25 करोड़ निवेशकों का क्या होगा, Pearl Group में फंसी है गाढ़ी कमाई

Nirmal Singh Bhangoo: सुप्रीम कोर्ट ने आर एम लोढ़ा पैनल का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया था कि पर्ल्स ग्रुप की संपत्तियों को बेचकर ठगे गए निवेशकों को उनका पैसा वापस लौटाया जाए। लोढ़ा पैनल की वेबसाइट के अनुसार, अब तक 19,000 रुपये तक का निवेश करने वाले निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल चुका है।

Nirmal Singh Bhangoo

निर्मल सिंह भंगू की मौत

मुख्य बातें
  • निर्मल सिंह भंगू की मौत
  • 8 साल न्यायिक हिरासत में रहा
  • 5.25 करोड़ निवेशकों का फंसा पैसा

Nirmal Singh Bhangoo: पर्ल्स ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भंगू पर 45,000 करोड़ रुपये के घोटाले और लगभग 5.5 करोड़ निवेशकों को ठगने का आरोप था। 8 साल न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद भंगू का बीते रविवार को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। जिन 5.5 करोड़ लोगों को ठगा गया, उनमें से सिर्फ 21 लाख लोगों को अपना पैसा वापस मिला है। भंगू के निधन के बाद सवाल ये है कि जिन करीब सवा 5 करोड़ निवेशकों का पैसा बाकी है, उनका क्या होगा? क्या उन्हें पैसा वापस मिलेगा? आगे जानिए क्या है पूरा मामला और कितनी है बचे हुए निवेशकों को पैसा मिलने की उम्मीद।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पैनल बनाया गया

सुप्रीम कोर्ट ने आर एम लोढ़ा पैनल का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया था कि पर्ल्स ग्रुप की संपत्तियों को बेचकर ठगे गए निवेशकों को उनका पैसा वापस लौटाया जाए। लोढ़ा पैनल की वेबसाइट के अनुसार, अब तक 19,000 रुपये तक का निवेश करने वाले निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल चुका है।

बाकी निवेशकों का क्या होगा

जिन लोगों का पैसा ठगा गया है उनका पैसा वापस दिलाने के लिए ‘इंसाफ दी आवाज’ संगठन बनाया गया है। इसके अध्यक्ष महिंदर पाल सिंह दानागढ़ हैं। उनका मानना है कि भंगू की मौत से निवेशकों को पैसा वापस मिलने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। उनका कहना है कि 2016 से निवेशकों का पैसे वापस करने में भंगू की कोई भूमिका नहीं थी।

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि सरकार बनने पर पोंजी कंपनियों की संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा।

बेच दी जमीन

इस बीच, जब सुप्रीम कोर्ट पीड़ितों को मुआवजा देने की कोशिश कर रहा था, तो पंजाब पुलिस ने खुलासा किया कि कोर्ट की रोक के बावजूद, पर्ल्स ग्रुप ने 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध रूप से बेची।

इतना ही नहीं इस पैसे का बड़ा हिस्सा शेल एंटिटीज के जरिए डायवर्ट किया गया और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों में निवेश किया गया, जिसकी राशि लगभग 132.99 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (7576 करोड़ रु) थी।

कैसे हुई शुरुआत

पंजाब के बरनाला का रहने वाला भंगू एक समय दूध बेचा करता था। 1970 के दशक में भंगू ने कोलकाता जाकर चिट-फंड कंपनी में काम करने का एक्सपीरियंस हासिल किया। फिर अपना बिजनेस शुरू करने से पहले भंगू ने हरियाणा की एक कंपनी में काम किया, जो निवेशकों के साथ धोखाधड़ी में शामिल थी।

भंगू की कंपनी पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (PGF) ने 1996 में आयकर जांच के कारण बंद होने से पहले कोड़ों रु हासिल कर लिए थे।

2014 में कसा शिकंजा

19 फरवरी 2014 को सीबीआई ने पर्ल्स ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन निर्मल सिंह भंगू और अन्य निदेशकों या प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया और खुलासा किया कि समूह ने निवेशकों को धोखा देने के लिए फर्जी भूमि आवंटन पत्र जारी किए थे, जिससे हजारों करोड़ रुपये की ठगी हुई। भंगू को 2016 में गिरफ्तार किया गया था।

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काशिद हुसैन author

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