Budget 2024: चुनावी मोह छोड़ पाएंगी वित्त मंत्री ! अंतरिम बजट में इनको गारंटी मिलना तय

Budget 2024: साल 2019 के अंतरिम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को टारगेट किया था। कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं। ऐसे में चुनाव से पहले किसी वित्त मंत्री के लिए इसे नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल है।

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अंतरिम बजट करेगा सरप्राइज

Budget 2024:दिसंबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बयान दिया था कि इस बार एक फरवरी को पेश होने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। वित्त मंत्री के इस बयान का संकेत तो यही है कि इस बार अंतरिम बजट में कोई अहम घोषणाएं नहीं होंगी। लेकिन 2019 का इतिहास और तीसरी बार सरकार बनाने की उम्मीद पाली मोदी सरकार ऐसा कर पाएगी। पुराने इतिहास को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि वित्त मंत्री 3-4 ऐसी अहम घोषाएं कर सकती हैं जो चुनावी नारे मोदी की गारंटी का वोटरो में भरोसा दिलाएगा। और ऐसा करने के लिए वित्त मंत्री के खजाने की सेहत भी बेहद अच्छी है। तो सबसे पहले खजाने के सेहत की बात करते हैं..

कैसी है खजाने की सेहत

इस बारे में पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने विस्तार से बताया है । उनका कहना है कि आयकर संग्रह बजट अनुमान से कहीं बेहतर रहेगा। जीएसटी लक्ष्य के अनुरूप है। सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क का प्रदर्शन जरूर खराब रहा है। लेकिन आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) और पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) से अधिक लाभांश आने के कारण गैर-कर राजस्व, बजट अनुमान से अधिक होगा। विनिवेश आय ने काफी निराश किया है। कुल मिलाकर, अतिरिक्त व्यय के लिए गैर-ऋण प्राप्तियां अच्छी स्थिति में रहने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में आयकर और कॉरपोरेट कर संग्रह बजट अनुमान से लगभग एक लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकता है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष करों से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट लक्ष्य रखा था। इस मद में 10 जनवरी, 2024 तक कर संग्रह 14.70 लाख करोड़ रुपये हो चुका था, जो बजट अनुमान का 81 प्रतिशत है। वहीं जीएसटी के मोर्चे पर केंद्रीय जीएसटी राजस्व 8.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से लगभग 10,000 करोड़ रुपये अधिक होने की उम्मीद है। हालांकि, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में करीब 49,000 करोड़ रुपये की कमी की आशंका है।

2019 में भी अंतरिम बजट में मिला था सरप्राइज

साल 2019 के अंतरिम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को टारगेट किया था। कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं। उस समय वित्त मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए पांच लाख रुपये तक की कर-योग्य आय को आयकर से छूट दी थी। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ किसानों को सालाना 6,000 रुपये नकद देने का ऐलान भी अंतरिम बजट में हुआ था। इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र (पीएम श्रम योगी मानधन -एसवाईएम) से जुड़े 50 करोड़ श्रमिकों को सेवानिवृत्ति पेंशन में सरकारी योगदान का भी प्रस्ताव किया गया था।

इस बार GYAN को मिलेगा तोहफा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कई घोषणाएं कीं। इसमें अन्य बातों के अलावा 450 रुपये में एलपीजी गैस सिलेंडर, गरीब महिलाओं को 1,250 रुपये का नकद हस्तांतरण, 21 साल की उम्र की तक गरीब लड़कियों को दो लाख रुपये आदि की घोषणाएं शामिल हैं और इन्हें ‘मोदी की गारंटी’का नाम दिया। और वह कार्यक्रम में GYAN का जिक्र कर चुके हैं। यानी G-गरीब, Y-युवा, A-अन्नदाता यानी किसान N-नारी पर सरकार फोकस कर रही है।
  • इस समय असंगठित क्षेत्र में बेरोजगारी और वेतन कटौती को लेकर संकट है। केंद्र सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के 30 करोड़ श्रमिकों का आंकड़ा है। ऐसे में श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती है। जैसे सालाना नकद राशि का तोहफा दिया जा सकता है।
  • इसी तरह पीएम किसान सम्मान निधि की मौजूदा 6000 रुपये की राशि में बढ़ोतरी हो सकती है। इसे 9000 या 12000 रुपये किए जाने कयास लगाए जा रहे हैं।
  • महिलाओं और युवाओं को लुभाने के लिए भी अहम घोषणाएं बजट में हो सकती है।

राजकोषीय घाटे पर कितना असर
सरकार ने राजकोषीय घाटा 17.9 लाख करोड़ रुपये यानी 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है। यह अनुमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 301.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमान पर आधारित था। 2023-24 के पहले अग्रिम अनुमान में जीडीपी 296.6 लाख करोड़ रुपये रहने पर यह छह प्रतिशत यानी 17.8 लाख करोड़ रुपये बनता है। यह बजट में तय लक्ष्य के लगभग बराबर है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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