पूरी दुनिया महंगाई और धीमी ग्रोथ से जूझ रही,भारत की सबसे तेज ग्रोथ से सबको उम्मीद-वित्त मंत्री

Nirmala Sitharaman On No Confidence Motion: वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 14 बार ब्याज दर को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से यूरोजोन में उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति है, वहीं जर्मनी यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश है और वहां भी इकोनॉमी घटनो की आशंका व्यक्त की गई है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman On No Confidence Motion:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण भारत भविष्य की वृद्धि को लेकर सकारात्मक स्थिति में है और दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सीतारमण ने कहा कि पूरी दुनिया में आर्थिक विषयों को लेकर संकट का समय है। आज वैश्विक अर्थव्यवस्था उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि दर की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3 प्रतिशत थी और विश्व बैंक ने 2023 के लिए अनुमान व्यक्ति किया है कि यह 2.1 प्रतिशत रह सकती है।वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 14 बार ब्याज दर को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से यूरोजोन में उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति है, वहीं जर्मनी यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश है और वहां भी आर्थिक संकुचन की आशंका व्यक्त की गई है।

भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी

सीतारमण ने कहा कि अमेरिका, चीन, ब्रिटेन जैसे देश (अर्थव्यवस्था) नीचे की ओर जा रहे हैं और भारत ऐसी अनोखी स्थिति में है जहां वह भविष्य की वृद्धि को लेकर सकारात्मक और आशावान है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ सुधार कार्यक्रम को आगे बढ़ाया और पिछले नौ वर्षों में इन चुनौतियों से निकलते हुए देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है।कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में भ्रष्टाचार और सांठगांठ के पूंजीवाद के कारण पूरा एक दशक बर्बाद हो गया। लेकिन पिछले नौ वर्षों में विपरीत परिस्थिति और संकट को सुधार और अवसर में बदलने का काम किया गया।’उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए आज देश उच्च वृद्धि दर और कम मुद्रास्फीति के साथ आगे बढ़ रहा है जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय उच्च मुद्रास्फीति और कम वृद्धि दर थी।’’

अमेरिका-चीन भी प्रेशर में

सीतारमण ने कहा कि अमेरिका और चीन बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हम इनसे तुलना नहीं कर रहे हैं लेकिन चीन की स्थिति को देखें तो वहां भी उपभोक्ता मांग में भारी गिरावट आई है और स्थिरता की स्थिति पैदा हो गई है। मीडिया में भी चीन को लेकर अवस्फीति (डिफ्लेशन) की आशंका व्यक्त की जा रही है।उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी पिछले दिनों शेयर बाजार में उथल-पुथल की स्थिति देखने को मिली।वित्त मंत्री ने कहा कि इस नजरिये से भारत की अर्थव्यवस्था को देखें तब वर्ष 2013 में दुनिया की पांच सबसे नाजुक अर्थव्यवस्था की श्रेणी से निकलते हुए आज भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि नाजुक एवं गिरावट वाली अर्थव्यवस्था से निकलने का कारण पिछले नौ वर्षों की नीतियां और आर्थिक सुधार रहे जिसके कारण कोविड-19 की चुनौती के बावजूद हम इस स्थिति तक पहुंचे हैं।

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