जरूरतमंद देशों के लिए उपलब्ध हैं भारत के पब्लिक प्रोडक्ट्स: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रौद्योगिकी और इसका अनुकूलन भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ बन गया है।

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जरूरतमंद देशों के लिए उपलब्ध हैं भारत के पब्लिक प्रोडक्ट्स: सीतारमण

तस्वीर साभार : भाषा

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने डिजिटलीकरण (Digitalisation) को पिछले दो साल में भारत के लिए सबसे लाभकारी बदलाव करार देते हुए कहा कि भारत की सार्वजनिक वस्तुएं जरूरतमंद देशों के लिए उपलब्ध हैं। सीतारमण ने दावा किया कि भारत सरकार ने सार्वजनिक वस्तु के रूप में लोगों के लिए जो नेटवर्क उपलब्ध कराया है, उससे लघु एवं मध्यम उद्योगों को अपना काम-काज बढ़ाने में मदद मिल रही है।

वित्त मंत्री ने 'जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज' (SAIS) के छात्रों को भारत की अनूठी ‘डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं’ (Digital Public Goods) पर एक संवादात्मक सत्र के दौरान संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यहां खड़े होकर मैं दोहराना चाहती हूं कि भारत की सार्वजनिक वस्तुएं उन देशों के लिए उपलब्ध हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।’’

भारत के पास डिजिटल सेवाओं का भंडार

मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत के पास डिजिटल सेवाओं का भंडार है, जिसका अन्य देश उपयोग कर सकते हैं। सीतारमण ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) फ्रांस में एक समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुका है और इसलिए एनपीसीआई के तहत आने वाले सभी ऐप वहां उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनसे उन सार्वजनिक वस्तुओं के लिए भुगतान नहीं लिया जाता, जो हमने बनाई हैं।’’

सीतारमण ने दोहराया कि भारतीय सार्वजनिक वस्तुएं अन्य देशों में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने एक ऐसा ऐप बनाया, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने निकटतम अस्पताल को ढूंढ सकता है और जो उन्हें टीकाकरण केंद्र की जानकारी देता है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह ऐप टीकाकरण के बाद उसकी जानकारी रिकॉर्ड कर लेता है और लोगों को फोन पर प्रमाण पत्र भी भेज देता है।

अन्य देशों में भी उपलब्ध है ये भारतीय ऐप

उन्होंने कहा कि इसकी वजह से विदेश जाने वाले यात्रियों को अपने टीकाकरण का सबूत दिखाने के लिए कागज साथ नहीं रखना पड़ता। वित्त मंत्री ने कहा कि अब यह ऐप अन्य देशों में भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह प्रौद्योगिकी शिक्षा में बदलाव ला रही है।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रौद्योगिकी का विकास और इसके अनुकूल खुद को ढालना भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ बन गया है।

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