चुनाव नतीजों को लेकर चिंता करने की कोई जरुरत नहीं, शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव पर बोलीं निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच ईटी नाउ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच शेयर बाजारों में उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जिससे भारतीय शेयर बाजार पर चुनाव परिणाम के संभावित प्रभाव के बारे में व्यापक चिंता पैदा हो गई है। इस मुद्दे पर ईटी नाउ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से खास बातचीत की। वित्त मंत्री ने शेयर बाजार की स्वायत्त कार्यप्रणाली पर भरोसा जताया। उन्होंने आश्वस्त किया कि चुनाव परिणाम के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। स्थिरता के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि फाइनेंशियल मार्केट इस पर फलते-फूलते हैं और किसी भी प्रकार की अस्थिरता के खिलाफ हैं। सीतारमण ने प्रधानमंत्री मोदी की सत्ता में वापसी और बीजेपी के दोबारा चुने जाने पर अपना विश्वास दृढ़ता से जताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अस्थिरता सूचकांक (VIX) में उतार-चढ़ाव का अनुभव करने की कोई जरुरत नहीं है।

दूसरी ओर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगाह किया कि खुदरा निवेशकों के जोखिम भरे वायदा एवं विकल्प कारोबार में आने और इसमें बेलगाम तेजी भविष्य में परिवारों की जमा-पूंजी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। उन्होंने यहां शेयर बाजार बीएसई में एक कार्यक्रम में कहा कि वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) खंड में खुदरा कारोबार में कोई भी बेलगाम तेजी न केवल बाजार के लिए बल्कि निवेशकों की भावनाओं और परिवार के स्तर पर जमा-पूंजी को लेकर भी आने वाले समय में समस्याएं पैदा कर सकती है। सीतारमण ने कहा कि पारिवारिक बचत में एक पीढ़ीगत बदलाव हुआ है। हम उसे सुरक्षित रखना चाहते हैं।

वित्त मंत्री ने बीएसई से कड़े अनुपालन और मजबूत नियामकीय मानकों के जरिये निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ मिलकर काम करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि बीएसई और एनएसई को प्रणालीगत जोखिम को कम करना चाहिए तथा बाजार की स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए। बाजार नियामक सेबी के एक अध्ययन से पता चला है कि 10 में से नौ खुदरा निवेशकों को वायदा और विकल्प कारोबार में नुकसान होता है।

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