PSU Disinvestment: किसी सरकारी कंपनी की नहीं होगी बिक्री, प्रॉफिट बढ़ाने पर फोकस करेगी सरकार

PSU Disinvestment: केंद्र सरकार 200 से अधिक सरकारी कंपनियों की फिर से मजबूत करने पर जोर देने जा रही है। इसका उद्देश्य उन कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी को बढ़ाना है। दरअसल सरकार के विनिवेश प्लान में तेजी नहीं आ पा रही है।

PSU Disinvestment

किसी सरकारी कंपनी की नहीं होगी बिक्री

मुख्य बातें
  • सरकार नहीं बेचेगी कोई पीएसयू
  • प्रॉफिट बढ़ाने पर करेगी फोकस
  • बजट में हो सकते हैं ऐलान

PSU Disinvestment: बीते 10 सालों में मोदी सरकार ने कई सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया है। मगर अब सरकार अपने इस प्लान पर ब्रेक लगाने जा रही है। केंद्र सरकार 200 से अधिक सरकारी कंपनियों की फिर से मजबूत करने पर जोर देने जा रही है। इसका उद्देश्य उन कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी को बढ़ाना है। दरअसल सरकार के विनिवेश प्लान में तेजी नहीं आ पा रही है। इसलिए सरकार अब सरकारी कंपनियों को बेचने के बजाय उनका प्रॉफिट बढ़ाने पर फोकस करेगी।

ये भी पढ़ें -

Vishal Mega Mart: जल्द आ सकता है विशाल मेगा मार्ट का IPO, गुपचुप तरीके से करेगी SEBI के पास आवेदन

बजट में हो सकते हैं बड़े ऐलान

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार यह प्लान 23 जुलाई को पेश किए जाने वाले यूनियन बजट का हिस्सा होगा, जिसमें ऐसी कंपनियों के पास मौजूद कम इस्तेमाल वाली जमीनों के बड़े हिस्से को बेचने और अन्य एसेट्स की बिक्री करना शामिल होगा।

इसका टार्गेट चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में 24 अरब डॉलर जुटाना और कंपनियों में फिर से निवेश करना है, जबकि प्रत्येक फर्म के लिए पाँच साल के प्रदर्शन और प्रोडक्शन टार्गेट तय करना है।

कंपनियों की वैल्य बढ़ान पर रहेगा जोर

सरकार का टार्गेट एसेट बिक्री से ध्यान हटाकर सरकारी कंपनियों की आंतरिक वैल्यू को बढ़ाने पर केंद्रित करना है। जिन कंपनियों में सरकार की बहुमत हिस्सेदारी है, उनके लिए उत्तराधिकार की योजना तैयार करना, वरिष्ठ पदों के लिए 230,000 मैनेजरों को ट्रेन करना, साथ ही कंपनी के बोर्ड में प्रोफेशनल भर्ती और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहन भी शामिल है। इन्हें वित्तीय वर्ष 2025/26 में लागू किए जाने की उम्मीद है।

एयर इंडिया की बिक्री हुई पूरी

2021 में घोषित प्राइवेटाइजेशन प्लान के तहत घाटे में चल रही कंपनियों को बंद करने के साथ-साथ दो बैंकों, एक बीमा कंपनी और स्टील, एनर्जी और दवा क्षेत्र की फर्मों की बिक्री शामिल थी। हालांकि, बिक्री की स्पीड धीमी रही और केवल कर्ज में डूबी एयर इंडिया की बिक्री पूरी हुई।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited