नोएडा की कंपनी कॉरपोरेट इन्फोटेक को मिला ONGC आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का कॉन्ट्रैक्ट

नोएडा की टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंपनी कॉरपोरेट इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) को भारत की सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) से बड़ा प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। कंपनी ONGC का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करेगी।

कॉरपोरेट इन्फोटेक से मिला ओएनजीसी का कॉन्ट्रैक्ट

मुख्य बातें
  • कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक CIPL 7 सालों तक ONGC को देगी सेवा
  • ओएनजीसी के आईटी बुनियादी ढांचे को CIPL करेगी दुरुस्त
  • पहली बार 'पे-पर-यूज' मॉडल पर ऑन-प्रिमाइसेस आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण

नोएडा की टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंपनी कॉरपोरेट इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) ने बताया कि उसे भारत की सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) से एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। यह प्रोजेक्ट 98 करोड़ रुपये का है और इसमें ONGC का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड किया जाएगा। इस काम को ‘पे-पर-यूज’ मॉडल पर किया जाएगा और यह 7 सालों में यानी सितंबर 2031 तक पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य दिल्ली में अपने कॉरपोरेट इन्फोकॉम डेटा सेंटर के साथ-साथ गुजरात के वडोदरा में डिजास्टर रिकवरी साइट पर (सीआईडीसी) ONGC के आईटी हार्डवेयर बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है।

ONGC के डिजिटल बदलाव की यात्रा में CIPL का अहम योगदान

ONGC के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को सपोर्ट करने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यह कंपनी के ऑपरेशन्स को फ्यूचर-प्रूफ बनाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि डाटा रीप्लिकेशन, डिजास्टर रिकवरी और एप्लिकेशन मैनेजमेंट जैसी सेवाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहें। इससे सरकारी कंपनी के कामकाज में सुधार और सुरक्षा दोनों बढ़ेंगे। CIPL के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO विनोद कुमार ने कहा कि यह प्रोजेक्ट हमारी काबिलियत को दिखाता है कि कैसे हम जटिल आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को मैनेज कर सकते हैं और उपभोग आधारित (कंजम्पशन-बेस्ड) समाधान दे सकते हैं एवं पिछले कुछ सालों में हमने सफलतापूर्वक ऐसे प्रोजेक्ट पूरे किये हैं।

नोएडा की टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंपनी कॉरपोरेट इंफोटेक

CIPL की हाल की बड़ी उपलब्धियां

साल 2007 में स्थापित CIPL आज भारत की सबसे बड़ी आईटी हार्डवेयर सॉल्यूशन कंपनियों में से एक बन चुकी है। हाल ही में कंपनी ने इंडियन ऑयल से 3 साल का एक और बड़ा प्रोजेक्ट जीता है। यह प्रोजेक्ट 114 करोड़ रुपये का है, जिसमें इंडियन ऑयल के सभी डिवीजनों में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का सालाना रखरखाव किया जाएगा। इसके अलावे भारत सरकार के एक प्रोजेक्ट गोव-ड्राइव का काम भी सीआईपीएल कर रही है जो अपने आप में एक अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसके तहत भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के लिए गोपनीय कागजात-फाइल डिजिटल फॉर्मेट में यहां वहां भेजने के लिए एक सुरक्षित ड्राइव बनाया जा रहा है। (इनपुट-प्रेस रिलीज)

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